Edited By rajesh kumar,Updated: 12 Feb, 2021 12:23 PM
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने उसके अंतर्गत आने वाले स्कूलों को कोविड-19 के मद्देनजर छात्रों की पढ़ाई के नुकसान का पता लगाने और उसके निराकरण के कदम उठाने का निर्देश दिया।
एजुकेशन डेस्क: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने उसके अंतर्गत आने वाले स्कूलों को कोविड-19 के मद्देनजर छात्रों की पढ़ाई के नुकसान का पता लगाने और उसके निराकरण के कदम उठाने का निर्देश दिया। साथ ही नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत एक अप्रैल से करने की भी सिफारिश की।
बोर्ड ने कहा कि इसके बाद ही कक्षा नौवीं और 11वीं की परीक्षाएं आयोजित की जाएं और इस दौरान कोविड-19 बचाव नियमों का पूरी तरह पालन सुनिश्चित किया जाए। सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने स्कूलों के प्रधानाचार्यों को लिखे एक पत्र में यह बातें कहीं। भारद्वाज ने कहा, ‘इन परीक्षाओं के जरिए छात्रों की पढ़ाई को हुए नुकसान का पता लगाने में भी मदद मिलेगी, जिनको दूर करने के लिए स्कूलों द्वारा नए शैक्षणिक सत्र में कदम उठाए जा सकते हैं। इस नुकसान की भरपाई के लिए विशेषतौर पर तैयार एक ब्रिज कोर्स का सहारा लिया जा सकता है।'
कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार की रोकथाम के लिए पिछले साल मार्च में लागू किए गए देशव्यापी लॉकडाउन के चलते कई महीने तक स्कूल बंद रहे थे। छात्रों ने ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से पढ़ाई की थी। भारद्वाज ने पत्र में कहा कि कक्षाएं या परीक्षाएं आयोजित करने के दौरान कोविड-19 से बचाव संबंधी उपायों का सख्ती से पालन किया जाए। साथ ही कहा गया कि यह उपयुक्त होगा कि राज्य सरकार के निर्देशों का पालन करते हुए एक अप्रैल से 2021-22 शैक्षणिक सत्र की शुरुआत की जाए।