Edited By Sonia Goswami,Updated: 31 Oct, 2018 11:06 AM
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल एवं कुलाधिपति राम नाईक ने किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय, लखनऊ के 14वें दीक्षान्त समारोह को सम्बोधित करते कहा कि दीक्षान्त समारोह ज्ञान प्राप्ति का अंत नहीं है, बल्कि खुद को नए ज्ञान से ओतप्रोत रखने की शुरुआत है।
लखनऊः उत्तर प्रदेश के राज्यपाल एवं कुलाधिपति राम नाईक ने किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय, लखनऊ के 14वें दीक्षान्त समारोह को सम्बोधित करते कहा कि दीक्षान्त समारोह ज्ञान प्राप्ति का अंत नहीं है, बल्कि खुद को नए ज्ञान से ओतप्रोत रखने की शुरुआत है। यहां अटल बिहारी वाजपेयी साइंटिफिक कन्वेन्शन सेन्टर में आयोजित समारोह में राज्यपाल ने कहा कि आज के स्पर्धा के युग में ‘शार्टकट’ से नहीं प्रामाणिकता और परिश्रम से ही सफलता मिल
सकती है।
दीक्षान्त ज्ञान प्राप्त करने की समाप्ति नहीं है, बल्कि खुद को नए ज्ञान से ओतप्रोत रखने की शुरुआत है। अपने जेहन को हमेशा नए ज्ञान से रोशन करते रहें। समारोह में पीएचडी, डीएम, एमसीएच, एमडी, एमएस, एमडीएस, एमबीबीएस, बीएसी, बीडीएस, एमफिल तथा र्निसंग के स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के 804 छात्र-छात्राओं को उपाधि प्रदान की गई। नाईक ने कहा कि उपाधि प्राप्त करते समय जो शपथ ली गई है, उसको आजीवन याद रखें तथा उसको निभाने का प्रयास करें। शपथ लेना आसान है मगर निभाना कठिन है। उन्होंने उपाधि प्राप्त छात्रों से कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा शुभारम्भ की गई ‘आयुष्मान योजना’ का लाभ पात्र रोगियों को कैसे मिले इस पर विचार करें।