नई शिक्षा नीति का ड्राफ्ट तैयार, 2019 चुनाव से पहले होगा मंजूर

Edited By Sonia Goswami,Updated: 06 Sep, 2018 09:28 AM

draft prepared for new education policy approved before 2019 elections

देश की नई शिक्षा नीति का ड्राफ्ट तैयार हो गया है। इस पर फाइनल कंसल्टेशन और पीयर रिव्यू का दौर चल रहा है। इसमें आगे कोई देरी न हो, इसके लिए सरकार ने ड्राफ्ट कमेटी को विस्तार नहीं देने का फैसला किया है। इसे 2019 के चुनाव से पहले मंजूरी देने की कोशिश...

नई दिल्लीः देश की नई शिक्षा नीति का ड्राफ्ट तैयार हो गया है। इस पर फाइनल कंसल्टेशन और पीयर रिव्यू का दौर चल रहा है। इसमें आगे कोई देरी न हो, इसके लिए सरकार ने ड्राफ्ट कमेटी को विस्तार नहीं देने का फैसला किया है। इसे 2019 के चुनाव से पहले मंजूरी देने की कोशिश है। नई नीति 2020 से 2040 तक 20 साल के लिए देश में शिक्षा क्षेत्र का मार्गदर्शन करेगी। 

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शिक्षक दिवस पर यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि विज्ञान, तकनीक, सूचना संचार में हुए बदलाव और भविष्य में समाज की जरूरतों को ध्यान में रखकर नई शिक्षा नीति तैयार की है। शिक्षा हर घर-परिवार से जुड़ा मामला है। लेकिन दुर्भाग्य से यह चुनावी मुद्दा नहीं बनता है। 

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जावड़ेकर ने बताया कि पिछले दो वर्षों में बीएड-डीएड के किसी संस्थान को मान्यता नहीं दी गई। अगले सेशन से चार साल का इंटीग्रेटेड कोर्स बीए-बीएड, बीएससी-बीएड और बीकॉम-बीएड शुरू किया जाएगा। सर्वशिक्षा अभियान के तहत करीब 14.5 लाख टीचर्स का बैकलॉग है। 12वीं पास अप्रशिक्षित शिक्षकों को बार-बार विस्तार देना पड़ता है। लेकिन उन्हें 2019 तक के लिए अंतिम विस्तार दिया गया है। इनके लिए सरकार ने दो साल का ऑनलाइन कोर्स उपलब्ध कराया है। 

इन सभी 14.5 लाख अप्रशिक्षित शिक्षकों को इस प्लेटफॉर्म में रजिस्टर किया गया है। यूपी, बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा व असम में सबसे ज्यादा बैकलॉग है। एक बार परीक्षा ली गई है। असफल रहने वालों को अगले साल मार्च में फिर मौका मिलेगा। देशभर में 70 से 80 लाख के बीच स्कूल शिक्षकों के पद स्वीकृत हैं। 
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अगले सेशन से स्कूली करिकुलम में 10 से 15 फीसदी तक कटौती होगी। आने वाले वर्षों में इसे और घटाया जाएगा। करिकुलम को युक्तिसंगत बनाने के लिए एक लाख से ज्यादा सुझाव मिले थे। छात्रों के मुताबिक शिक्षकों का अनुपात सुधारने के लिए राज्यों को मिलने वाला अनुदान शिक्षकों की सफल तैनाती से जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की कमी नहीं है, बल्कि उनकी तैनाती समस्या है। एक लाख से ज्यादा स्कूलों में सिर्फ एक-एक शिक्षक हैं। 

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देशभर में 15 लाख क्लासें होंगी डिजिटाइज 
नौंवी से पीजी तक मैथ्स, साइंस, फिजिक्स, कैमिस्ट्री, अंग्रेजी सहित तमाम विषय रोचक ढंग से पढ़ाने के लिए झुंझुनवाला कमेटी की रिपोर्ट अंतिम चरण में है। इसके आधार पर साल के अंत तक अॉपरेशन डिजिटल बोर्ड लांच होगा। इसके तहत देशभर में 15 लाख कक्षा डिजिटाइज की जाएंगी। योजना पूूरी होने में करीब चार साल लगेंगे। 

बीए, बीकॉम, बीएससी के प्रोफेशनल कोर्स शुरू होंगे 
बीए, बीकॉम, बीएससी के बाद युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है। ऐसे में इन्हें प्रोफेशन कोर्स के नाम से शुरू किया जाएगा। इसके तहत कोर्स तो तीन साल का ही होगा लेकिन इसमें एक हजार घंटे का कंटेंट बढ़ जाएगा। इसमें 250 घंटे आईसीटी का कंटेंट होगा। 250 घंटे सॉफ्ट स्किल्स (परwसनेल्टी डिवैलपमेंट और कम्युनिकेशन इत्यादि) के लिए होंगे। 500 घंटे में एक या दो स्किल की ट्रेनिंग दी जाएगी, ताकि कोर्स पूरा करते ही वे नौकरी योग्य बन जाएंगे। 

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