ग्रेजुएट्स के लिए नौकरियां बढ़ाने की तैयारी में सरकार,लोस में लेना चाहती है फायदा

Edited By Sonia Goswami,Updated: 17 Dec, 2018 03:01 PM

government preparing to increase jobs for graduates

लोकसभा चुनाव से पहले बेरोजगारी को लेकर चिंता बढ़ने के मद्देनजर सरकार ने नए ग्रेजुएट्स के लिए नौकरियां बढ़ाने की योजना बनाई है। इसके लिए तीन मंत्रालयों- मानव संसाधन विकास, श्रम और कौशल विकास मिलकर कार्य करेंगे।

नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव से पहले बेरोजगारी को लेकर चिंता बढ़ने के मद्देनजर सरकार ने नए ग्रेजुएट्स के लिए नौकरियां बढ़ाने की योजना बनाई है। इसके लिए तीन मंत्रालयों- मानव संसाधन विकास, श्रम और कौशल विकास मिलकर कार्य करेंगे।

 

मोदी सरकार एक बड़ी 'अप्रेंटिसशिप' स्कीम शुरू करने की तैयारी कर रही है। इससे प्राइवेट और सरकार की फंडिंग वाले हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स में विशेषतौर पर ह्युमैनिटीज और अन्य नॉन-टेक्निकल कोर्सेज के छात्रों को फायदा होगा। इन छात्रों को ग्रेजुएट होने के साथ ही रोजगार के अवसर हासिल करने में मदद मिलेगी। ईटी को पता चला है कि इस स्कीम के तहत छात्रों को उनके कोर्स के तीसरे/अंतिम वर्ष में संभावित एंप्लॉयर के साथ 6-10 महीने की अप्रेंटिसशिप और ट्रेनिंग मिलेगी। छात्रों को इसके साथ स्टाइपेंड भी दिया जाएगा।

 

टेक्निकल कोर्सेज का इंडस्ट्री के साथ बेहतर लिंक होता है और इस वजह से ये कोर्स करने वाले छात्रों को जल्द रोजगार के मौके मिल जाते हैं। लेकिन नॉन-टेक्निकल छात्रों को रोजगार हासिल करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।अच्छी क्वॉलिटी वाली अप्रेंटिसशिप के लिए सरकारी कंपनियों, सेक्टर स्किल काउंसिल और इंडस्ट्री की बड़ी कंपनियों को जोड़ा जाएगा। इस स्कीम के तौर तरीकों को तय करने के लिए तीनों मंत्रालयों के मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों ने हाल ही में मीटिंग की थी। इस स्कीम की अगले कुछ दिनों में शुरुआत की जाएगी।

 

सरकार ने 2019-20 के एकेडेमिक सेशन में 10 लाख छात्रों को इस स्कीम में शामिल का लक्ष्य बनाया है। सरकार नॉन-टेक्निकल डिग्री कोर्सेज को पास करने वाले 80 लाख से अधिक छात्रों की रोजगार की क्षमता में सुधार के लिए एक इंटीग्रेटेड अप्रेंटिसशिप प्रोग्राम लाना चाहती है। इन छात्रों की स्टाइपेंड के साथ अप्रेंटिसशिप की फंडिंग में मदद के लिए नेशनल अप्रेंटिसशिप प्रमोशन स्कीम (NAPS) के 10,000 करोड़ रुपये के फंड का इस्तेमाल किया जाएगा।

 

एक सूत्र ने बताया कि 1,500 रुपये प्रति महीने तक के स्टाइपेंड के लिए सरकार का योगदान 25 पर्सेंट तक होगा। सरकार की योजना सभी हायर एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स को नेशनल करियर सर्विस पोर्टेल के साथ जोड़ने की भी है। छात्रों की योग्यता, पात्रता, उनकी अप्रेंटिसशिप और रोजगार की स्तिति के साथ ही प्रतीक्षा सूची को दिखाने के लिए इस पोर्टल को कौशल विकास मंत्रालय के पोर्टल के साथ भी जोड़ा जाना है।

 

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