गेम डेवलपिंग में है युवाओं के लिए बढ़ते करियर ऑप्शन

Edited By bharti,Updated: 05 Apr, 2018 05:53 PM

growing career options for youth in game development

आज का समय जिस तेजी के साथ बदल रहा है, उस समय में जरुरी नहीं है कि वहीं पुरानी पढ़ाई  आर्ट्स, कॉमर्स और ...

नई दिल्ली : आज का समय जिस तेजी के साथ बदल रहा है, उस समय में जरुरी नहीं है कि वहीं पुरानी पढ़ाई  आर्ट्स, कॉमर्स और साइंस पढ़ी जाये, जमाना बदल रहा है। अलग अलग फील्ड में करियर  बनाने के नए - नए मौके और विकल्प मौजूद हैं। करियर के कई सारे ऑप्शन हमारे सामने मौजूद है। तकनीक के विकसित होने से इस क्षेत्र में नए करिअर विकल्पों में बढ़ोतरी हुई है। इन्हीं विकल्पों में से एक विकल्प है डिजिटल गेम डेवलपिंग का। आज बच्चे खो-खो या कबड्डी जैसे खेलों से परिचित हों या न हों लेकिन वाइससिटी, फीफा-13, मोटररेस, स्पेसवार जैसे डिजिटल गेमों से वे अच्छी तरह वाकिफ होते हैं। स्मार्टफोन और सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट्स का इस्तेमाल बढ़ने से गेमिंग उद्योग के विकास में काफी तेजी आई है। ऑनलाइन डिजिटल गेमिंग उद्योग में प्रतिभावान युवाओं की मांग दिनोंदिन बढ़ रही है। अगर आपको भी कम्प्यूटर्स, मोबाइल्स और लैपटॉप्स पर गेम खेलना पसंद है तो इस इंडस्ट्री में करियर बनाना आपके लिये एक सही विकल्प हो सकता है। अगर आप भी क्रिएटिविटी के साथ अपनी टेक्निकल स्किल्स को शार्प करना चाहते हैं, तो गेम डेवलपमेंट में करियर बना सकते हैं। आज के युवाओं का गेम में काफी इंटरेस्ट होता है। वह हर ऑनलाइन खेले जाने वाले खेल को काफी मजे से खेलते है। साथ ही उस गेम को लेकर अपनी सोच भी जाहिर करते है कि किस तरह से उस गेम को और क्रिएटिव बनाया जा सकता है।

क्या है गेम डिजाइनिंग?
गेम डेवलपिंग का काम सॉफ्टवेयर डेवलमेंट का एक हिस्सा है। इसमें कंटेट की डिजाइनिंग के साथ ही गेम के नियम भी तय करने होते हैं। इसमें मैकेनिक्स, प्रोग्रामिंग और विजुअल आर्ट भी शामिल है। यह एक टीम वर्क होता है, जिसमें सॉफ्टवेयर डिजाइन से लेकर स्क्रिप्ट राइटिंग और एनिमेशन तक की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। गेम डेवलपिंग के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के खेलों को कंप्यूटर में डिजाइन कर चिप में डालकर विभिन्न इंटरटेनमेंट डिवाइस में उपयोग किया जाता है। इन गेमों का निर्माण मल्टीमीडिया, ग्राफिक्स सॉफ्टवेयर और कंप्यूटर प्रोग्रामिंग के इस्तेमाल द्वारा किया जाता है। सही मायनों में देखा जाए तो यह करिअर प्रौद्योगिकी रचनात्मकता और मनोरंजन का अनूठा संगम है। डिजिटल गेम उद्योम तीन प्रकार की होती है- गेमिंग कंसोल, जिसके अंर्तगत सेट टॉप बॉक्स गेम, टीवी गेम्स आदि आते हैं। दूसरी श्रेणी कंप्यूटर गेम्स की है। तीसरी है कैजुअल गेम्स, इसके तहत मोबाइल गेम और सोशल मीडिया गेम आते हैं।

जरूरी कोर्स
इस फील्ड में कैरियर बनाने के लिए इंटर में कम्प्यूटर विषय लें। कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग के लिए बीसीए, एमसीए या इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी में बीटेक या बीई करें। ग्रेजुएशन के बाद आप डिप्लोमा इन गेम डिजाइन एंड गेमिंग, वीडियो गेम डिजाइन एंड डेवलपमेंट सर्टिफिकेशन, एडवांस्ड डिप्लोमा इन गेम डिजाइन जैसे कोर्स कर सकते हैं। आप 2डी और 3डी दोनों में से कोई भी एक प्लेटफॉर्म चुन सकते हैं और उसके बाद उससे जुड़ी एप्लिकेशंस पर काम कर सकते हैं।

वर्क प्रोफाइल
गेम डिजाइनिंग में कई स्टेप्स पर काम होता है। इसके शुरुआती चरण में आर्ट्स डिजाइनिंग व क्रिएशन पर काम किया जाता है। इसके बाद कॉम्प्रिहेन्सिव स्टोरी लाइन तैयार की जाती है, जिसमें स्क्रिप्टिंग, कैरेक्टर स्केचिंग ऑब्जेक्ट्स, लेवल्स और बैकग्रांउड डिजाइनिंग शामिल हैं। इसके बाद कम्प्यूटर पर इसकी त्रि-आयामी (3 डी) डिजाइन तैयार की जाती है। इस स्टेज में डिजाइनर्स को कैरेक्टर्स के फेशियल एक्सप्रेशंस व फीचर्स पर खास ध्यान देना होता है। इसके बाद साउंड इफेक्ट्स, वीडियो रिकॉर्डिंग्स और बैकग्राउंड म्यूजिक तैयार किया जाता है। इसके बाद प्रोग्रामिंग लैंग्वेज की मदद से गेमिंग सॉफ्टवेयर तैयार किया जाता है

भविष्य की संभावनाएं
आप बड़े गेमिंग ऑर्गनाइजेशंस में बतौर गेम डेवलपर, गेम डिजाइनर, गेम आर्टिस्ट, गेम एंड नेटवर्क प्रोग्रामर,स्क्रिप्ट राइटर व गेम टेस्टर काम कर सकते हैं। ट्रेनी के तौर पर आपकी सैलरी 10,000 रुपए के आसपास होगी, जो अनुभव के साथ 80,000 रुपए तक पहुंच सकती है।

कौन कर सकता है
बीए, बीकॉम, साइंस या अन्य किसी स्ट्रीम से ग्रैजुएट स्टूडेंट्स भी इस कोर्स को कर सकते हैं। 12वीं तक पढ़ाई कर चुके स्टूडेंट्स भी कोर्स के लिए पात्र होते हैं। ग्रैजुएशन में यदि किसी का टेक्निकल बैकग्राउंड है तो उसे और ज्यादा सपोर्ट मिल जाता है।

कहां मिलेगी जॉब
स्किल डेवलप होने के बाद आप घर से ही ऑनलाइन काम शुरू सकते हैं। गेम डेवलप करके गूगल प्लेस्टोर पर अपलोड कर सकते हैं। यहां से गेम डाउनलोड होने पर आपको ऑनलाइन भुगतान प्राप्त होगा।खुद की वेबसाइट शुरु करके फ्रीलांसिंग शुरु कर सकते हैं। आउटसोर्सिंग के जरिए काम कर सकते हैं।दिल्ली, बैंगलुरु, हैदराबाद जैसे शहरों में बड़ी मल्टीनेशनल कंपनियां हैं जहां गेम डेवलपर्स की जरुरत है। आप यहां भी जॉब के लिए ट्राय कर सकते हैं। अगर आप भी गेम डेवलपमेंट में करियर को लेकर कंफ्यूज है तो क्रिएटिविटी से भरा गेम डेवलपमेंट में करियर आपके लिए बेहतर हो सकता है।

प्रमुख संस्थान
इंडियन स्कूल ऑफ गेमिंग
जी इंस्टीट्यूट ऑफ क्रिएटिव आर्ट्स
एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ गेमिंग एंड एनिमेशन
माया अकेडमी ऑफ एडवांस्ड सिनेमेटिक्स
ग्लोबल इंस्टीट्यूट ऑफ गेमिंग एंड एनिमेशन
आईसीएटी डिजाइन एंड मीडिया कॉलेज
पिकासो एनिमेशन कॉलेज

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