क्या IIT यौन उत्पीड़न के अारोपी छात्र का परीक्षा फल रोक सकता हैं सुप्रीम कोर्ट

Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Jul, 2017 11:02 AM

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह जांच करेगा कि क्या आईआईटी यौन उत्पीड़न मामले में दोषी ...

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह जांच करेगा कि क्या आईआईटी यौन उत्पीड़न मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद बर्खास्त किए गए अंतिम वर्ष के छात्र का परीक्षाफल रोक सकता है। न्यायमूर्ति एस.ए बोबडे और न्यायमूर्ति नागेर राव ने छात्र की अपील पर केन्द्र सरकार और आईआईटी कानपुर को नोटिस जारी किया है। छात्र ने अपनी याचिका खारिज करने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी है। छात्र की ओर से पेश वकील मनु शंकर मिश्र ने कहा कि अंतिम सेमेस्टर का परीक्षाफल उनके मुवक्किल को दिया जाना चाहिए क्योंकि उसमें हो रहे विलंब से उसका कैरियर खराब हो रहा है।

बर्खास्त होने से पहले याचिकाकर्ता भौतिकी विभाग का अंतिम वर्ष का छात्र था। उसने जुलाई 2012 में संस्थान में दाखिला लिया था। छात्र को पिछले साल अप्रैल में तब संस्थान से निष्कासित किया गया जब पाया गया कि वह एक छात्रा का यौन उत्पीड़न कर रहा है। गौरतलब है कि बीएससी भौतिकी की 23 साल की छात्रा ने अपने सीनियर पर दो साल से यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था। इसके बाद कालेज प्रशासन ने मामले को महिला प्रकोष्ठ को भेज दिया था। महिला प्रकोष्ठ ने आरोपी को दोषी पाया गया जिसके बाद उसे निष्कासित कर दिया गया।

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