जेएनयू छात्रों का हॉस्टल मैनुअल वापस लेने की मांग पर प्रदर्शन

Edited By Riya bawa,Updated: 12 Nov, 2019 09:17 AM

jnu protest demand for withdrawal of hostel manual of jnu students

जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में उस समय स्थिति बेकाबू हो गई...

नई दिल्ली(पुष्पेंद्र मिश्र): जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में उस समय स्थिति बेकाबू हो गई, जब सोमवार को बड़ी संख्या में छात्र फीस वृद्धि, ड्रेस कोड जैसे दिशानिर्देश के विरोध में नारेबाजी करते हुए बाबा बालकनाथ मार्ग से होते हुए नेल्सन मंडेला मार्ग की ओर बढ़ चले। छात्र जेएनयू प्रशासन के लाए गए हॉस्टल मैनुअल को छात्र-विरोधी नीति बताते हुए अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) की तरफ आगे बढऩे चाहते थे लेकिन गेट पर अवरोधक लगा दिए। यह तब हुआ समय उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। 

दिल्ली पुलिस के तकरीबन 500 जवानों और अर्धसैनिक बल की 6 कंपनियों ने छात्रों को रोकने की पूरी कोशिश की। छात्रों को गेट पर ही रोकने के लिए दिल्ली पुलिस द्वारा अवरोधक लगा दिए गए। छात्रों ने भारी संख्या में दौड़ते हुए गुस्से में दिल्ली पुलिस के लगाए अवरोधक तोड़ दिए और एआईसीटीई परिसर की ओर कूच किया। हालांकि उपराष्ट्रपति वेंकेया नायडू छात्रों के विरोध प्रदर्शन बढऩे से पहले ही दीक्षांत समारोह से निकल गए। ऐतिहातन जेएनयू से लगभग तीन किलोमीटर दूर एआईसीटीई के द्वारों को बंद कर दिया गया और सुबह शुरू हुए विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर परिसरों के बाहर सुरक्षाकर्मियों को तैनात कर दिया गया। 

एक अधिकारी ने बताया कि जेएनयू परिसर के उत्तरी और पश्चिमी द्वारों के बाहर और बाबा बालकनाथ मार्ग पर एआईसीटीई ऑडिटोरियम और जेएनयू के बीच स्थित सड़क पर दिल्ली पुलिस ने कई बार अवरोधक लगाये गए, लेकिन छात्रों ने इन बैरिकेडों को तोड़ दिया और लगभग साढ़े 11 बजे एआईसीटीई की तरफ मार्च करने लगे। कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया गया। छात्रों पर पानी की बौछारें भी की गई। मगर छात्रों का प्रदर्शन नहीं थमा। 

इस दौरान छात्रों ने न सिर्फ हाथों में तख्तियां लेकर छात्रों ने दिल्ली पुलिस वापस जाओ जैसे नारे लगाए बल्कि कुलपति एम जगदीश कुमार के खिलाफ भी नारेबाजी की। छात्रों के एआईसीटीई परिसर पहुंचने पर मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल कार्यक्रम स्थल से बाहर नहीं आ पाए और उन्हें 6 घंटे ऑडिटोरियम में रहना पड़ा। हालांकि मंत्री ने छात्रों से मुलाकात कर उनकी समस्या सुलझाने का आश्वासन दिया, लेकिन कुलपति से उनकी मुलाकात नहीं हो सकी। प्रदर्शनकारी नारे लगा रहे थे कि हम कुलपति से मिलना चाहते हैं।

छात्रसंघ नेता आईशी घोष ने कहा कि हमारे लिए यह ऐतिहासिक दिन है कि हमने बैरिकेड तोड़ दिये और कार्यक्रम स्थल पहुंचे और मंत्री से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि हमारा आंदोलन अभी समाप्त नहीं हुआ है। हम एचआरडी मंत्री से अनुरोध करते हैं कि वे कुलपति से छात्रों से बातचीत करने को कहें। एचआरडी मंत्री ने वादा किया कि छात्र संघ को बैठक के लिए मंत्रालय बुलाया जाएगा।

मसौदा नियमावली को वापस लेने की छात्र कर रहे थे मांग 
एआईसीटीई परिसर के बाहर पहुंचे छात्र कुलपति से मिलना चाहते थे और उनकी मांग थी कि मसौदा छात्रावास नियमावली को वापस लिया जाये जिसमें उनके अनुसार फीस वृद्धि और ड्रेस कोड जैसी पाबंदियों का प्रावधान है। छात्र मसौदा नियमावली को वापस लेने की मांग कर रहे हैं जिसमें हास्टल मैनुअल के तहत 1700 रुपए का सेवा शुल्क लगाने की बात कही गई है। एक बार लगाये जाने वाले सुरक्षा शुल्क को 5500 रुपए से बढ़ाकर 12,000 रुपए किया गया है। एक सीट वाले कमरे का किराया 20 रुपए प्रति माह से बढ़ाकर 600 रुपया तथा दो सीट वाले कमरे का किराया 10 रुपए से बढ़ाकर 300 रुपए प्रति माह करने की बात कही गई है।

छात्रों ने बताया कि सुबह शुरु हुआ यह प्रदर्शन छात्रावास के मैनुअल के विरोध के अलावा पार्थसारथी रॉक्स में प्रवेश पर प्रशासन की पाबंदी तथा छात्र संघ के कार्यालय को बंद करने के प्रयास के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों का ही हिस्सा है। छात्रों का कहना है कि वे 15 दिन से विरोध कर रहे हैं, लेकिन कुलपति हमसे बात करने को तैयार नहीं हैं। छात्रावास एवं अन्य फीस में इतनी बढ़ी वृद्धि के बाद गरीब छात्र यहां कैसे पढ़ सकेगा।

छात्रों ने देर रात की बैठक 
प्रदर्शन से विवि. लौटे छात्रों ने विवि. परिसर में साबरमती ढाबे के पास तिराहे पर बैठक की। जिसमें हॉस्टल मैनुअल पर प्रशासन से किस तरह निपटा जाए संबंधी चर्चा की गई। छात्रों ने यहां आगे की रणनीति भी बनाई। 

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