Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Sep, 2017 11:29 AM
केंद्रीय हिंदी संस्थान ने स्पष्ट किया कि उसने हिंदी के अमर...
नई दिल्ली : केंद्रीय हिंदी संस्थान ने स्पष्ट किया कि उसने हिंदी के अमर लेखक मुंशी प्रेमचंद को अपने पाठ्यक्रम से नहीं हटाया है। संस्थान के निदेशक नंद किशोर पांडेय ने कहा कि विदेशी छात्रों के लिए संस्थान का जो पाठ्यक्रम है, उसमें गोदान की जगह निर्मला को रखा गया है लेकिन कुछ लोग गलत प्रचार कर रहे हैं कि प्रेमचंद को हटा दिया गया है।
उन्होंने कहा कि निर्मला छोटा उपन्यास है और गोदान की तुलना में सरल भी, इसलिए विदेशी छात्रों की आसानी के लिए यह फैसला लिया गया है। उन्होंने कहा कि पाठ्यक्रम तैयार करना संस्थान का विवेकाधिकार है। पाठ्यक्रम में क्या रखना है क्या नहीं रखना है, यह पाठ्यक्रम समिति तय करती है इसलिए दूसरे लोग इस पर आपत्ति नहीं कर सकते हैं। कुछ लोगों ने पूरी बात जाने बिना सोशल मीडिया पर यह प्रचार करना शुरू कर दिया कि प्रेमचंद को हटा दिया गया है ।
गौरतलब है कि केंद्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार-एक के कार्यकाल में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के पाठ्यक्रम से प्रेमचंद को हटा कर भाजपा नेता मृदुला सिन्हा को शामिल किया गया था जिस पर देश भर में हंगामा हुआ था। बाद में सरकार को यह फैसला वापस लेना पड़ा था। सोशल मीडिया पर कई प्रगतिशील लेखकों ने केंद्रीय हिंदी संस्थान पर प्रेमचंद को पाठ्यक्रम से हटाने का आरोप लगाया है।