Edited By pooja,Updated: 02 Oct, 2018 12:00 PM
संयुक्त एसडीजी हासिल करने के लिए राष्ट्र संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा है कि भारत की तरह ‘स्वच्छ भारत’ अभियान और ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ जैसे महत्वाकांक्षी कार्यक्रमों की तरह कदम उठाने की जरूरत है।
संयुक्त एसडीजी हासिल करने के लिए राष्ट्र संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा है कि भारत की तरह ‘स्वच्छ भारत’ अभियान और ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ जैसे महत्वाकांक्षी कार्यक्रमों की तरह कदम उठाने की जरूरत है। भारत की तीन दिवसीय यात्रा सोमवार से शुरू कर रहे गुतारेस ने कहा कि भारत अब भी चुनौतियों का सामना कर रहा है लेकिन सामाजिक कल्याण और असमानता दूर करने के लिए विकासशील कार्यक्रमों में नवोन्मेष और नेतृत्व का उसका लंबा इतिहास रहा है।
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख के तौर पर भारत के अपने प्रथम दौरे से पहले गुतारेस ने पीटीआई से कहा कि समग्र विकास की दिशा में साझा लक्ष्यों में योगदान देकर सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने के लिए जिस तरह के राष्ट्रीय कार्यक्रम भारत में शुरू किये गये हैं, वैसे ही कदम उठाने की जरूरत है।
संयुक्त राष्ट्र के महत्वाकांक्षी सतत विकास लक्ष्यों का उद्देश्य 2030 तक गरीबी खत्म करना, धरती की रक्षा, स्वास्थ्य-शिक्षा बेहतर करने के अलावा शांति और समृद्धि सुनिश्चित करना है। गुतारेस ने कहा कि ये कदम समुचित स्वच्छता, महिलाओं और बालिकाओं का सशक्तिकरण, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच बढ़ाने और बढ़ती डिजिटल असमानता दूर करने के लिए कदम उठाने का वादा करते हैं।
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा कि भारत में शुरू किए गए विभिन्न कार्यक्रमों से उल्लेखनीय नतीजे मिले हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं यह देखकर बहुत प्रभावित हुआ हूं कि क्रियान्वयन के शुरूआती ढाई साल में स्वच्छ भारत अभियान के तहत वर्ष 2019 तक खुले में शौच से भारत को मुक्त बनाने की दिशा में 3.9 करोड़ घरों में शौचालयों के निर्माण का लक्ष्य तय किया गया।’’
नरेंद्र मोदी सरकार के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ पर गुतारेस ने कहा कि इस अभियान से शिक्षा में लैंगिक समानता बढ़ाने के साथ ही स्कूल छोडऩे वाले की दर कम करने में भी बड़ी मदद मिली है। संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा कि डिजिटलीकरण पर फोकस के साथ भारत में डिजिटल दस्तावेज तक पहुंच आसान हुई है। इससे राशन कार्ड जैसी सेवा और आसान हो सकती है। उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह डिजिटल खाई को पाटने और सेवा आपूर्ति को दुरूस्त करने के अपने राष्ट्रीय लक्ष्य के प्रति भारत आगे बढ़ रहा है।’’