Edited By pooja,Updated: 20 Jul, 2018 11:30 AM
दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय की एलएलबी प्रवेश परीक्षा फिर से कराने की मांग कर रहे 11 असफल विधि अभ्र्यिथयों द्वारा दायर याचिका से कोई जनहित नहीं जुड़ता है।
नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय की एलएलबी प्रवेश परीक्षा फिर से कराने की मांग कर रहे 11 असफल विधि अभ्र्यिथयों द्वारा दायर याचिका से कोई जनहित नहीं जुड़ता है।
इन अभ्यर्थियों का आरोप है कि कुछ परीक्षा केन्द्रों पर बड़े पैमाने पर नकल हुई थी। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूॢत सी हरिशंकर की पीठ ने हालांकि कहा कि मामले में केवल निजी हित जुड़ा हुआ है क्योंकि अभ्र्यिथयों ने परीक्षा में भाग लिया था।
अदालत ने निर्देश दिया कि याचिका को जनहित याचिका के तौर पर नहीं माना जायेगा। अदालत ने इस मामले को उचित पीठ के सामने सुनवाई के लिये 23 जुलाई के लिये रख दिया। अधिवक्ता अभिषेक कुमार चौधरी के जरिये दायर याचिका में 11 जुलाई को घोषित नतीजों को रद्द करने और परीक्षा नए सिरे से कराने का अनुरोध किया गया था।