Edited By Sonia Goswami,Updated: 31 Jul, 2018 09:21 AM
उत्तराखंड उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने कहा है कि सबको शिक्षा, अच्छी शिक्षा के उद्देश्य से स्नातक और परास्नातक स्तर पर आवश्यकता के अनुरूप सीटें बढ़ाई जाएंगी।
देहरादूनः उत्तराखंड उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने कहा है कि सबको शिक्षा, अच्छी शिक्षा के उद्देश्य से स्नातक और परास्नातक स्तर पर आवश्यकता के अनुरूप सीटें बढ़ाई जाएंगी। सोमवार को विधानसभा सभाकक्ष में उच्च शिक्षा विभाग के डिग्री कॉलेजों में प्रवेश के सम्बन्ध में आने वाली समस्याओं के सम्बन्ध में श्री रावत की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई।
बैठक में कहा गया कि सबको शिक्षा, अच्छी शिक्षा के उद्देश्य से नियम बनाये जाएंगे। किसी को शिक्षा से वंचित नहीं रखा जायेगा। प्रवेश सम्बन्धी समस्या को देखते हुए यह निर्णय लिया गया कि परास्नातक स्तर पर जहां भी आवश्यकता होगी पांच से 10 प्रतिशत सीटों की वृद्धि की जाएगी। स्नातक स्तर पर 30 से 40 प्रतिशत सीटों की वृद्धि की जाएगी। बैठक में कुमायूं विश्वविद्यालय से संबन्धित कालेज में सीटों से संबन्धित समस्या को दूर करने के निर्देश दिये गये। शिक्षा में सभी को अवसर प्रदान करने के लिए, स्वपोषित एवं संध्याकालीन जैसे विकल्पों पर भी विचार किया जाएगा। शिक्षकों के रिक्त पदों के सम्बन्ध में बैठक में कहा गया कि आयोग द्वारा असिस्टेंड प्रोफेसर मिलने तक, संविदा एवं अंशकालिक शिक्षक पढ़ाएंगे। जिन-जिन विषयों में शिक्षकों की मांग है उसके सम्बन्ध में प्रस्ताव बनाकर प्राचार्य एक सप्ताह के भीतर निदेशालय भेजेंगे। इसके अतिरिक्त समस्त प्राचार्यों की डी.पी.सी. जल्द कराने के निर्देश दिये गये। बैठक में कहा गया जिन महाविद्यालयों में निर्धारित सीटों के अनुपात में सीटें खाली हैं, वहां ऑफलाइन प्रवेश की व्यवस्था की जाएगी।
इस वर्ष 95 प्रतिशत छात्रों का ऑनलाइन प्रवेश कराना उल्लेखनीय उपलब्धि है। पहली बार सत्र का नियमन हुआ है। मंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड पहला राज्य है, जिसने लिंगदोह सिफारिशों में संशोधन किया है। पूरे सत्र, 180 दिन पढ़ाई की व्यवस्था होगी। छात्रहितों को देखते हुए सत्र नियमन पर विशेष बल दिया गया। बैठक में उच्च शिक्षा सचिव अशोक कुमार, संयुक्त निदेशक डॉ. जे .सी. घिल्डियाल, कुलपति श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय, यू.एस.रावत, कुलपति कुमाऊं विश्वविद्यालय डी. के. नौरियाल, सी.ओ.ई. कुमाऊं विश्वविद्यालय संजय पन्त, सी.ओ.ई. उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय डॉ. पी. डी. पन्त एवं महाविद्यालयों के प्राचार्य मौजूद थे।