शिक्षा संस्थानों में बढ़ रही अराजकता चिंता का विषय: अखिलेश

Edited By Sonia Goswami,Updated: 27 Sep, 2018 02:31 PM

the issue of increasing chaos concern in educational institutions

समाजवादी पार्टी(सपा) अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि सूबे के शैक्षणिक संस्थानों में अराजकता की स्थिति तेजी से बढ रही है जो देश के सामाजिक और राजनीतिक परिवेश के लिए ठीक नही है।

लखनऊःसमाजवादी पार्टी(सपा) अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि सूबे के शैक्षणिक संस्थानों में अराजकता की स्थिति तेजी से बढ रही है जो देश के सामाजिक और राजनीतिक परिवेश के लिए ठीक नही है।  श्री यादव ने बुधवार को पार्टी मुख्यालय पर कहा कि विश्वविद्यालयों में अराजकता के चलते शैक्षणिक गतिविधियों का ठप पडऩा आम हो चुका है। सरकार की गलत नीतियों के चलते छात्रों-नौजवानों में आक्रोश बढता जा रहा है। हार के डर से भाजपा ने गोरखपुर विश्वविद्यालय और बस्ती के महाविद्यालयों के छात्रसंघ चुनाव बिना किसी ठोस कारण स्थगित कर दिये गये।   पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि काशी हिन्दु विश्वविद्यालय (बीएचयू) में छात्रों से हास्टल जबरन खाली कराए जा रहे हैं और उनके साथ बर्बर व्यवहार किया जा रहा है। भाजपा सरकार छात्रों-नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है।   

 

श्री यादव ने कहा कि लखनऊ विश्वविद्यालय में मेरिट लिस्ट में नाम होने के बाद भी छात्रों को प्रवेश से वंचित रखा जा रहा है। प्रवेश की मांग को लेकर अहिंसा पूर्वक तरीके से धरना देने पर छात्रों पर गंभीर धाराओं में मुकदमें दर्ज कर जेल भेज दिया गया, जिनकी अब तक रिहाई नहीं हुयी। शासन का यह कृत्य असंवैधानिक है। यह सरकार छात्रों के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन कर रही है।   उन्होने कहा कि भाजपा सरकार वास्तव में शिक्षण संस्थानों का प्रयोग अपने राजनैतिक हित साधने के लिए कर रही है। लेकिन उत्तर प्रदेश के छात्र-नौजवान भाजपा सरकार की कुनीतियों से त्रस्त होकर सबक सिखाने को तैयार बैठे हैं। लोकतंत्र में नौजवानों का उत्पीडऩ करने वाली सरकार का पतन सुनिश्चित है।
 
 
 

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