पर्दे पर खलनायिकाएं बन छा चुकी हैं ये हीरोइने, अब जटाधरा में सोनाक्षी की बारी

Updated: 06 Oct, 2025 12:00 PM

sonakshi sinha turns dark villain in jatadhara

प्रेरणा अरोड़ा की फिल्म 'जटाधारा' का पहला गाना 'धना पिशाची' दर्शकों के बीच काफी लोकप्रिय हो चुका है, और इसकी वजह है सोनाक्षी सिन्हा का नकारात्मक किरदार।

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। अपनी महत्वाकांक्षी फिल्म 'जटाधारा' में सोनाक्षी सिन्हा बड़े पर्दे पर पहली बार पूरी तरह से एक नकारात्मक किरदार निभाने जा रही हैं। हालांकि इससे पहले वे वर्ष 2017 में आई फिल्म 'इत्तेफ़ाक़' में ग्रे शेड और पिछले साल आई वेब सीरीज 'हीरामंडी' में मां-बेटी के रूप में नकारात्मक किरदार में नज़र आई थीं, जिसके लिए उन्हें काफी सराहा गया था। फिलहाल 7 नवंबर 2025 को हिंदी और तेलुगु में सिनेमाघरों में रिलीज़ होने जा रही सुधीर बाबू और सोनाक्षी सिन्हा अभिनीत ज़ी स्टूडियोज़ और प्रेरणा अरोड़ा की फिल्म 'जटाधारा' का पहला गाना 'धना पिशाची' दर्शकों के बीच काफी लोकप्रिय हो चुका है, और इसकी वजह है सोनाक्षी सिन्हा का नकारात्मक किरदार। माना जा रहा है कि बड़े पर्दे पर पहली बार एक गहरी, रहस्यमयी और खलनायिका की भूमिका में नजर आने जा रहीं सोनाक्षी का यह ट्रांसफॉर्मेशन उनके करियर के लिए एक अहम मोड़ साबित होगा, जैसा कि इन अभिनेत्रियों के साथ हुआ, जिन्होंने अपनी नकारात्मक भूमिका से पर्दे पर अपनी अलग छाप छोड़ी।

विद्या बालन
पावरहाउस परफॉर्मर विद्या बालन को 'भूल भुलैया' (2007) में अवनि/मंजुलिका के रूप में उनके रोंगटे खड़े कर देने वाले अभिनय के लिए याद किया जाता है। पिछले साल वे 'भूल भुलैया 3' में लौटीं और एक बार फिर नकारात्मक शेड्स में अपनी दमदार परफॉर्मेंस से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। अपनी तीव्र अदाकारी से विद्या ने साबित किया कि क्यों उन्हें भारत की सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्रियों में गिना जाता है।

तब्बू
आयुष्मान खुराना अभिनीत 'अंधाधुन' में तब्बू ने नैतिक रूप से जटिल किरदार निभाकर अभिनय की मिसाल पेश की थी। सिमी के रूप में उन्होंने एक ऐसी महिला को जीवंत किया था, जो अपराधी होने के साथ-साथ चालाकी और जीवित रहने की लड़ाई के बीच फंसी है। अपने संयम और अनिश्चितता के साथ तब्बू ने दर्शकों को ‘हेट-टू-लव’ का अनुभव कराया और खुद को बॉलीवुड की सबसे साहसी अभिनेत्रियों में शुमार कर लिया।

कोंकणा सेन शर्मा
अपनी बहुमुखी प्रतिभा के लिए मशहूर कोंकणा सेन शर्मा ने इमरान हाशमी स्टारर 'एक थी डायन' में दर्शकों को चौंका दिया था। रहस्यमयी डायन के रूप में उनका अभिनय डर और आकर्षण दोनों से भरा था। उन्होंने खलनायिका के रूप में डर और शालीनता का अनोखा संतुलन कायम किया, जिससे उनका किरदार सुपरनैचुरल थ्रिलर शैली में अलग पहचान बना चुका है।

तापसी पन्नू
अमिताभ बच्चन स्टारर 'बदला' में तापसी पन्नू ने सबको चौंका दिया। नैना सेठी के किरदार में उन्होंने छल और चालबाजी की परतें बखूबी निभाईं। अमिताभ बच्चन के सामने समान रूप से दमदार स्क्रीन प्रेज़ेंस दिखाते हुए तापसी ने साबित किया कि वे जटिल और नकारात्मक किरदारों को भी बखूबी निभा सकती हैं।

मौनी रॉय
रणबीर कपूर, आलिया भट्ट और अमिताभ बच्चन की फिल्म 'ब्रह्मास्त्र' में मौनी रॉय ने ‘जुनून – क्वीन ऑफ डार्कनेस’ के रूप में अपनी मजबूत स्क्रीन प्रेज़ेंस, पावरफुल बॉडी लैंग्वेज और तीखे लुक्स से सबका ध्यान खींचा था। मौनी का यह अभिनय उन्हें हाल के समय की सबसे यादगार महिला खलनायिकाओं में से एक बनाता है।

फिल्म 'जटाधारा' में सुधीर बाबू और सोनाक्षी सिन्हा के साथ दिव्या खोसला, शिल्पा शिरोडकर, इंदिरा कृष्णा, रवि प्रकाश, नवीन नेनी, रोहित पाठक, झांसी, राजीव कणकाला और सुबलैखा सुधाकर जैसे कलाकार नजर आने वाले हैं। ज़ी स्टूडियोज़ और प्रेरणा अरोड़ा द्वारा प्रस्तुत जटाधारा का निर्माण उमेश कुमार बंसल, शिविन नारंग, अरुणा अग्रवाल, प्रेरणा अरोड़ा, शिल्पा सिंघल और निखिल नंदा ने किया है। फिल्म के सह-निर्माता अक्षय केजरीवाल और कुसुम अरोड़ा हैं, जबकि क्रिएटिव प्रोड्यूसर दिव्या विजय और सुपरवाइजिंग प्रोड्यूसर भावना गोस्वामी हैं। फिल्म का दमदार संगीत ज़ी म्यूज़िक कंपनी द्वारा प्रस्तुत किया गया है।

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