Edited By ,Updated: 04 Jan, 2015 04:40 PM
चीन से आयातित पेन ड्राइव पर डंपिंग रोधी शुल्क लगाने से इस जिजिटल डेटा-स्टोरेज उपकरण के दाम दोगुना तक हो सकते हैं।
नई दिल्ली: चीन से आयातित पेन ड्राइव पर डंपिंग रोधी शुल्क लगाने से इस डिजिटल डेटा-स्टोरेज उपकरण के दाम दोगुना तक हो सकते हैं। साथ ही इससे इन उत्पादों के अनधिकृत समानांतर कारोबार को भी बढ़ावा मिलेगा। घरेलू उद्योग के एक वर्ग ने यह आशंका जताई है।
डंपिंग रोधी व संबद्ध शुल्क महानिदेशालय (डीजीएडी) ने हाल में अपने अंतिम निष्कर्ष में कहा है कि चीन द्वारा यूएसबी फ्लैश ड्राइव (पेन ड्राइव) का निर्यात सामान्य से कम मूल्य पर किया जा रहा है। पेन ड्राइव की डंपिंग के खिलाफ जांच का यह आवेदन मोजर बेयर की अगुवाई में घरेलू विनिर्माताओं के मंच स्टोरेज मीडिया प्रोडक्ट्स मैन्युफैक्चरर्स एंड मार्केटर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने किया था।
पेन ड्राइव पर 3.12 डालर प्रति इकाई डंपिंग रोधी शुल्क लगाने की सिफारिश की गई है। वाणिज्य मंत्रालय डंपिंग रोधी शुल्क की सिफारिश करता है, जबकि वित्त मंत्रालय इसे लागू करता है। इस तरह के किसी कदम का विरोध करते हुए इंडिया इलेक्ट्रानिक्स एंड सेमीकंडक्टर एसोसिएशन (आईईएसए) ने कहा कि चीन और ताइवान से आयातित पेन ड्राइव पर क्रमश: 3.12 और 3.06 डालर डंपिंग रोधी शुल्क लगाने का प्रस्ताव है। यह 2जीबी से 8 जीबी की क्षमता वाले यूएसबी के मूल आयात मूल्य पर औसतन 160 प्रतिशत शुल्क बैठेगा। इससे उपभोक्ताओं पर भारी बोझ पड़ेगा।
आई.ई.एस.ए. का कहना है कि पेन ड्राइव का मुख्य उपकरण जापान और कोरिया से आता है। चीन के विनिर्माता भी उन्हें वहीं से मंगाते है। इसके साथ ही भारत में पेन ड्राइव का आयात करने वाली फर्मों का कहना है कि इस कार्रवाई का फायदा मुख्य रूप से मोजर बेयर को होगा जोकि खुद इसके मुख्य हिस्से पुर्जे बाजार से आयात कर उनकी एसेम्बली करती है।