फेक न्यूज रोकने के लिए WhatsApp का नया फीचर, फॉरवर्डेड मैसेज को पहचानना हुआ आसान

Edited By jyoti choudhary,Updated: 11 Jul, 2018 12:52 PM

whatsapp s new feature to stop fake news

इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप वॉट्सऐप ने फेक न्यूज और अफवाह रोकने के लिए नए फीचर की शुरूआत की है। इस फीचर के जरिए आने वाले हर मैसेज के बारे में पता चल सकेगा कि ये मैसेज सेंडर ने खुद लिखा है या फिर इसे अफवाह फैलाने के मकसद से फॉरवर्ड किया गया है।

जालंधरः इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप वॉट्सऐप ने फेक न्यूज और अफवाह रोकने के लिए नए फीचर की शुरूआत की है। इस फीचर के जरिए आने वाले हर मैसेज के बारे में पता चल सकेगा कि ये मैसेज सेंडर ने खुद लिखा है या फिर इसे अफवाह फैलाने के मकसद से फॉरवर्ड किया गया है। इसके लिए मैसेज में 'फॉरवर्डेड' लेबल को जोड़ा गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये फीचर एंड्रॉयड और आईओएस दोनों प्लेटफॉर्म के लिए रोल आउट कर दिया गया है।

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इससे फेक न्यूज का पता लगाने में मदद मिलेगी 
वॉट्सऐप ने अपने ब्लॉग पोस्ट में कहा 'वॉट्सऐप अब आपको बता देगा कि जो मैसेज आपको भेजा गया है, वो फॉरवर्डेड है। ये फीचर आपको पर्सनल और ग्रुप चैट को आसान बना देगा। ये फीचर आपको ये पता लगाने में भी मदद करेगा कि जो मैसेज आपको आपके दोस्त या रिश्तेदार ने भेजा है, उसे उन्हीं ने लिखा है या फिर ये मैसेज किसी और ने उन्हें भेजा है।'

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विज्ञापन के जरिए बताए फेक न्यूज से बचने के तरीके 
वॉट्सऐप की तरफ से मंगलवार को देश के लगभग सभी बड़े अखबारों में एक फुल पेज विज्ञापन दिया गया था, जिसमें कंपनी ने यूजर्स को फेक न्यूज से बचने के तरीके बताए थे। विज्ञापन में कहा था कि वॉट्सऐप में आने वाले किसी भी मैसेज, वीडियो, फोटो पर भरोसा करने से पहले उसे अच्छी तरह से चेक जरूर करें, उसके बाद ही उसे आगे फॉरवर्ड करें।

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वहीं वॉट्सऐप के प्रवक्ता ने कहा कि 'हम भारत में एक एजुकेशन कैंपेन शुरू करने जा रहे हैं, जिसमें लोगों को फेक न्यूज और अफवाह पहचानने के तरीके बताए जाएंगे। हमारा पहला कदम अखबार में विज्ञापन देने का है, जो हिंदी, अंग्रेजी समेत कई क्षेत्रीय भाषाओं में दिया जाएगा।'

बीते दिनों में वॉट्सऐप के जरिए फैली कई अफवाहें

1 जुलाई
महाराष्ट्र के धुले जिले के राइनपाड़ा गांव में वॉट्सऐप मैसेज से एक अफवाह फैली कि 'अपने बच्चों को संभालकर रखें, कुछ लोग बच्चा चोरी करने के लिए घूम रहे हैं।' इस अफवाह के फैलने के कुछ देर बाद ही गांव के आसपास कुछ अनजान लोग घूम रहे थे, तभी गांव वालों ने बिना पूछताछ के उनकी पिटाई शुरू कर दी, जिससे 5 लोगों की मौत हो गई।

3 जुलाई 
इस घटना के बाद आईटी मंत्रालय ने वॉट्सऐप को चेतावनी देते हुए मैसेज के जरिए फैलने वाली झूठी अफवाहों पर रोक लगाने के लिए तत्काल कार्रवाई करने के आदेश दिए। मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा वॉट्सऐप मैनेजमेंट के सामने नाराजगी जाहिर की। सरकार ने कहा कि 'लॉ एंड ऑर्डर मशीनरी अपना काम कर रही है, लेकिन वॉट्सऐप जैसे प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल अफवाहें फैलाने के लिए हो रहा है जो चिंता का विषय है।'

4 जुलाई
सरकार का जवाब देते हुए वॉट्सऐप ने भी एक बयान जारी किया। इस बयान में कंपनी ने लिखा 'भारत में मॉब लिंचिंग के बढ़ते मामले डराने वाले हैं और इसके लिए हम अपने प्लेटफॉर्म में सुधार करेंगे।' वॉट्सऐप ने ये भी कहा 'हम इस तरह की हिंसा को लेकर परेशान हैं और हमारा मानना है कि ये एक चुनौती है जिससे निपटने के लिए सरकार, सिविल सोसायटी और टेक्नोलॉजी कंपनियों को एकसाथ काम करने की जरुरत है।'

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