LIC के बीमा एजैंट ने की ग्राहकों से धोखाधड़ी

Edited By ,Updated: 29 Jun, 2015 01:27 AM

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गांव ओढां के बीमा एजैंट द्वारा लोगों से बीमा राशि की किस्तें लेकर न भरने का मामला सामने आया...

ओढां  (जयप्रकाश): गांव ओढां के बीमा एजैंट द्वारा लोगों से बीमा राशि की किस्तें लेकर न भरने का मामला सामने आया है। अभी तक अकेले गांव सालमखेड़ा के 3 लोगों ने सामने आकर एजैंट पर उनकी किस्तों की हजारों रुपए की राशि हड़पने का आरोप लगाया है। साथ ही उन्होंने इस मामले को लेकर एजैंट पर धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए बीमा कंपनी के प्रबंधक व ओढां थाना में शिकायत देते हुए बीमा एजैंट के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। 
 
पीड़ित सालमखेड़ा निवासी मलकीत सिंह ने बताया कि उसने एल.आई.सी. बीमा कंपनी के आनंदगढ़ निवासी दर्शन नामक एजैंट से 20 वर्षीय पॉलिसी नंबर 174478116 करीब 10 वर्ष पूर्व ली थी जिसके तहत वह 6 माह किस्त के रूप में 3,275 रुपए उसके पास जमा करवाता था।

उसने बताया कि कुछ किस्तें भरने के बाद नियमानुसार उसे 20 प्रतिशत मनी बैक के तौर पर 20,000 रुपए मिले। उसने बताया कि दर्शन सिंह ने उसे यह कहकर कि वह अस्वस्थ है, इसलिए किस्तें ओढां निवासी कंपनी के एजैंट राकेश गोयल को दे दिया करे जिस पर मलकीत सिंह ने उसे 5 किश्तों के रूप में 16,375 रुपए अदा किए। इसके बदले एजैंट उपभोक्ता को पक्की रसीद न देकर खुद के कम्प्यूटर से रसीद निकालकर देता रहा। 
 
जिस पर मलकीत सिंह विश्वास करता गया। मलकीत ने बताया कि इसी दौरान एजैंट ने 20 साल की एक और पालिसी के फार्म भरवा दिए। जिसकी 3 किस्तें मलकीत ने दी, आरोप है कि किस्तें एजैंट ने आगे न भरकर खुद पास ही रख ली। मामला तब सामने आया जब आनंदगढ़ निवासी एजैंट दर्शन सिंह इसी दौरान मलकीत सिंह से मिला। दर्शन ने उसे कहा कि उसने किस्तें समय पर नहीं भरी इसलिए कंपनी का काफी बकाया निकलता है। 
 
इस पर मलकीत सिंह हैरान हुआ व उसने राकेश द्वारा दी गई रसीदें दिखाई जो कि कंपनी की नहीं थी। अपने साथ धोखा होने की आशंका पर उसने एजैंट से संपर्क किया लेकिन वह उसे चक्कर लगवाता रहा। पीड़ित ने बीमा कंपनी के अधिकारियों से आरोपी एजैंट के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। 
 
मलकीत सिंह के मामले का खुलासा होने के बाद सालमखेड़ा के 2 और मामले सामने आए हैं, जिसमें गांव की छिन्द्रपाल कौर ने बताया कि उसने 20 वर्षीय बीमा पालिसी करवाई थी जिसके लिए 6 माह में 3,200 रुपए की किस्त बनती है। उसने बताया कि उसे एक बार तो 20,000 रुपए मिल गए लेकिन उसके बाद उसे पक्की रसीद नहीं दी गई। 
 
जब मलकीत मामले का खुलासा हुआ तो उसने भी एजैंट से अपनी किश्तों बारे पूछा तो वह 39,000 रुपए दे गया व 4,000 रुपए अभी बाकी है। इसके अलावा गांव के बलदेव पुत्र काकू ने भी बताया कि वह 3500 की किस्तें भरता था व उसे 21,000 रुपए 2 बार मिल गए। इसके बाद से उसकी 9 किस्तों का कोई भी हिसाब नहीं है। बीमा कंपनी से पता किया तो उन्होंने बताया कि पिछले साढ़े 4 साल से उनकी किस्तें आई ही नहीं। उन्होंने भी एजैंट पर आरोप लगाए है। 
 
इस संबंध में बीमा एजैंट राकेश गोयल ने कहा कि आरोप निराधार हैं, उसने किसी से कोई धोखा नहीं किया। बाद में उसने स्वीकारा कि हां किसी मजबूरीवश किस्तें जमा नहीं करवा पाया जिसके बाद मैंने कुछ पैसे ब्याज सहित वापस भी किए हैं। 
 
संतुराम मैनेजर एल.आई.सी. डबवाली ने बताया कि हमारे पास शिकायत आई है जिसके आधार पर हम जांच करवाएंगे। अगर मामला ऐसा निकला तो आरोपी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट भेजी जाएगी। इस बारे धर्मवीर एस.एच.ओ. ने बताया कि पुलिस के पास शिकायत आई है। एजैंट को थाना में बुलाकर पूछताछ की जाएगी व मामले की जांच कर उचित कार्रवाई करेंगे।
 

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