‘किसानों के धैर्य का इम्तिहान न ले सरकार, जल्द मांगें माने : दीपेंद्र’

Edited By Ajesh K Dharwal,Updated: 06 Dec, 2020 11:01 PM

government should not test the patience of farmers

‘बोले, कानून वापस लेने से सरकार के खजाने पर नहीं पड़ रहा कोई फर्क, फिर भी कानून क्यों नहीं ले रही वापस’

चंडीगढ़,  (पांडेय): राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने किसान आंदोलन को लेकर सरकार के रवैये पर सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि सरकार लगातार किसानों के धैर्य का इम्तिहान ले रही है। जबकि उनकी मांग पूरी तरह स्पष्ट और जायज है। इन कानूनों को वापस लेने से भी सरकार के खजाने पर भी कोई असर नहीं पडऩे वाला। फिर भी सरकार वापस क्यों नहीं ले रही? सरकार का अडिय़ल रवैया समझ से परे है।


यहां जारी बयान में दीपेंद्र ने कहा कि अन्नदाता मुश्किल और निर्णायक दौर से गुजर रहा है। हरियाणा सरकार की तमाम बंदिशों को पार करते हुए, किसान घर छोड़ कर कड़कड़ाती ठंड में खुले आसमान के नीचे बैठा है। इतने बड़े स्तर पर चल रहा आंदोलन पूरी तरह अनुशासित और शांतिपूर्ण है। हरियाणा और पंजाब के बाद यू.पी., राजस्थान, मध्य प्रदेश, उड़ीसा, कर्नाटक, झारखंड और महाराष्ट्र समेत सभी प्रदेशों के किसान आंदोलन का हिस्सा बन रहे हैं।

इसलिए अब ये जन-जन का आंदोलन बन चुका है। आंदोलन जितना लंबा चलेगा, उतना ही बड़ा होता जाएगा। हुड्डा ने कहा कि सरकार किसानों को बयानबाजी और आधे-अधूरे आश्वासनों में उलझाने की कोशिश न करे। किसान मांगों को लेकर किसी भी तरह के समझौते के मूड में नहीं हैं। इसलिए सरकार को अन्नदाता के दर्द और मांगों की गंभीरता को समझना चाहिए। उसे फौरन किसानों की मांगों को मानना चाहिए।

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