फरीदाबाद व पंचकूला के नगर निगमों में हुए करोड़ों रूपए के घोटालों की जांच करेगी विजीलेंस

Edited By Archna Sethi,Updated: 10 Nov, 2021 06:22 PM

vigilance will investigate scams

राज्य सरकार ने लिया जांच करने का निर्णय फरीदाबाद नगर निगम में फर्जी कार्यों के नाम पर की गई ठेकेदारों को अदायगी पंचकूला नगर निगम में कचरा निस्तारण के नाम पर हुआ घोटाला

चंडीगढ़, 10 नवंबर (अर्चना सेठी)हरियाणा के शहरी स्थानीय निकाय मंत्री  अनिल विज ने कहा है कि राज्य सरकार ने पंचकूला के नगर निगम व फरीदाबाद के नगर निगम में हुए करोड़ों रूपए के घोटालों की जांच राज्य चौकसी ब्यूरो से करवाने का निर्णय लिया है ताकि इन घोटालों की जांच निष्पक्ष तरीके से की जा सके।

 

इस संबंध में उन्होंने अधिक जानकारी देते हुए बताया कि राज्य चौकसी ब्यूरों के अधिकारियों द्वारा फरीदाबाद के नगर निगम के लेखा विभाग के अधिकारियों द्वारा बिना काम के किए गए भुगतान की जांच की जाएगी। उन्होंने बताया कि फरीदाबाद के नगर निगम के घोटाला मामले में जानकारी के अनुसार बहुत सारे वार्डों में करोड़ों रूपए का बिना काम के भुगतान किया गया जोकि अधिकांश पार्षदों से बात करने पर पता चला कि उनके वार्डों में यह काम हुए ही नहीं हैं। इस शिकायत के अनुसार पाया गया कि 388 कार्यों के लिए अदायगी कर दी गई जिसकी कुल राशि 237972990 (23 करोड 79 लाख 72 हजार 990) रूपए की हैं।

 

शिकायतकर्ता पार्षदों के अनुसार इन 388 कार्यों में से एक भी कार्य ठेकेदार व संबंधित अधिकारी दिखाने में विफल रहे हैं। विज ने बताया कि फरीदाबाद के नगर निगम में बिना कार्य किए कार्यों के फर्जी वाउचर तैयार करने के ठेकेदार से मिलीभगत करने में मदद करने, इन कार्यों के बिना कार्य कराए पैमाईश पुस्तिका में दर्ज फर्जी इंद्राज करने तथा निरीक्षण के समय जानबूझकर पैमाईश प्रस्तुत न करना तथा नगर निगम को वित्तीय हानि पहंुचाना, उच्च अधिकारियों से मिलकर बिना कार्य किए फर्जी बिल वाउचर तैयार करने में मदद करना शामिल है, जिनकी जांच चौकसी ब्यूरो द्वारा की जाएगी।  

 

 

इसी प्रकार, उन्होंने पंचकूला के नगर निगम में बायो-रेमेडियेशन आफ लीगेसी वेस्ट (एक प्रकार से कचरे का जैव उपचार) घोटाले के संबंध में बताया कि इस घोटाले की जांच भी राज्य चौकसी ब्यूरो को प्रदेश सरकार द्वारा सौंप दी गई है। इस घोटाले में भी कचरा निस्तारण के नाम पर करोड़ों रूपए का घोटाला हुआ है। इस घोटाले की जांच के लिए पंचकूला के वार्ड-2 के पार्षद तथा अन्य द्वारा मांग की गई जिसमें कहा गया है कि एक ही काम के लिए अलग-अलग स्थानों पर एक ही व्यक्ति के द्वारा अलग-अलग फर्मों के नाम से अधिकारियों से मिलीभगत कर करोड़ों रूपए का घोटाला किया गया है। 

 

गौरतलब है कि आरोपों के अनुसार पंचकूला में केवल दो फर्मांे ने हिस्सा लिया और दोनों फर्मों का मालिक एक ही हैं। इसी प्रकार, एजेंसी द्वारा (लगभग दो करोड रूपए) परफोरमेंस गांरटी जमा कराए बिना टेंडर अलाट किया गया। वेटब्रिज पर न ही सीसीटीवी कैमरे लगाए गए और न ही बैकअप स्टोर करने का प्रोविजन किया गया। ऐसे ही, कोई क्वालिटी कंट्रोल लैब स्थापित नहीं की गई है और कचरा से संबंधित कोई रिकार्ड ही नहीं रखा गया हैं और कूडा-करकट तोलने में भारी गडबड पाई गई है।

 

इसी तरह, पंचकूला नगर निगम के मातहत कूडा-करकट को एकत्रित करने की क्षमता प्लांट में 400 से 500 एमटी की है जबकि 800 एमटी से लेकर 1200 एमटी की पेमेंट को दर्शाया गया हैं। आरोपों के अनुसार आईएनटी सोल्यूशन और पार्वती इंटरप्राइजेस, जो दोनों कंपनियांें की टेंडर में हिस्सेदारी है, एक ही परिवार की है। पंचकूला नगर निगम द्वारा 5 करोड रूपए के भुगतान को भी कर दिया गया जिसमें संलिप्त अधिकारियों व ठेकेदारों के संबंध में जांच राज्य चौकसी ब्यूरों द्वारा की जाएगी। 

 

 

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