हरियाणा में ग्रामीण महिलाओं को फिर मिल सकेगी सुरक्षा की पहरेदारी

Edited By Archna Sethi,Updated: 10 Nov, 2021 12:25 PM

women will be able to get security guard again

राज्य महिला आयोग ने महिला पुलिस वालंटियर्स योजना दोबारा शुुरु करने को पुलिस महानिदेशक को लिखा पत्र करनाल और महेंद्रगढ़ में 967 वालंटियर्स ने महिला व बच्चों की मदद को किए थे कई कार्य

चंडीगढ़, (अर्चना सेठी) हरियाणा के गांवों में महिलाओं की सुरक्षा की पहरेदारी दोबारा शुरु हो सकेगी? केंद्रीय सरकार द्बारा पांच साल पहले ग्रामीण तबके की महिलाओं के दर्द की पहरेदारी के लिए हरियाणा के दो जिलों करनाल एवं महेंद्रगढ़ में महिला पुलिस वालंटियर योजना की पायलट स्तर पर शुरुआत की गई थी। दोनों जिलों की रिपोर्ट के आधार पर केंद्र सरकार ने देशभर में महिला पुलिस वालंटियर योजना शुरु करनी थी। करनाल और महेंद्रगढ़ से योजना की बढिय़ा रिपोर्ट मिलने के बाद योजना को आंध्र प्रदेश, गुजरात, मिजोरम, छत्तीसगढ़ और कर्नाटक में तो लागू कर दिया गया परंतु हरियाणा में योजना को आगे लागू नहीं किया गया। हरियाणा राज्य महिला आयोग ने हरियाणा में योजना को दोबारा लागू करवाए जाने के बाबत हरियाणा पुलिस महानिदेशक पी.के.अग्रवाल को पत्र लिखकर अपील की है कि हरियाणा की ग्रामीण महिलाओं के कल्याण को ध्यान में रखते हुए योजना को दोबारा हरियाणा में शुरु किया जाए। सूत्रों की मानें तो राज्य महिला आयोग की प्रदेश पुलिस विभाग को यह तीसरा पत्र भेजा गया है जिसमें महिला पुलिस वालंटियर योजना को पुन शुरु करने के लिए कहा गया है। आयोग वर्ष 2018 से प्रदेश पुलिस विभाग को वालंटियर योजना शुरु किए जाने के बाबत लिख रहा है।

पांच साल पहले दो जिलों में शुरु की थी योजना

केंद्रीय सरकार ने वर्ष 2016 में महिला पुलिस वालंटियर योजना को पायलट स्तर पर हरियाणा के दो जिलों में शुरु किया गया था। करनाल और महेंद्रगढ़ के गांवों की सं या को ध्यान में रखते हुए 967 महिला पुलिस वालंटियर्स की नियुक्ति की गई थी। वालंटियर्स के तौर पर स्वेच्छा से काम करने वाली महिलाओं को प्रदेश सरकार ने एक महीने का एक हजार रुपये मानदेय देना तय किया था जिसमें से केंद्र सरकार 60 प्रतिशत जबकि राज्य सरकार 40 प्रतिशत बजट दे रही थी। महिला पुलिस वालंटियर्स पुलिस और ग्रामीण महिलाओं व बच्चों के बीच एक ऐसी कड़ी का काम करती थी जो महिलाओं व बच्चों की सुरक्षा का खास ध्यान रखती थी। करनाल से महिला पुलिस वालंटियर सुनिता रानी ने बताया कि पायलट स्टडी के दौरान वालंटियर्स ने गांव की महिलाओं को घरेलू हिंसा से बचाया, कई बाल विवाह रूकवाए, स्कूलों के आसपास बिकने वाले नशे की दूकानों को बंद करवाया, दुष्कर्म की शिकार कई बच्चियों को तुरंत पुलिस और चिकित्सीय सुविधा दिलवाने में मदद की। सुनिता का कहना है कि सभी वालंटियर्स ने बहुत अच्छा काम किया था और उसी रिपोर्ट की वजह से केंद्र सरकार ने पांच अन्य राज्यों में योजना को शुुरु किया लेकिन हरियाणा में इस योजना को आगे लागू ही नहीं किया। योजना अगर फिर से शुरु हो जाए तो वालंटियर्स की मदद से ग्रामीण महिलाओं व बच्चों को फिर से मदद मिल सकती है।

रिपोर्ट क्यों नहीं है पब्लिक डोमेन में?

हरियाणा राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष प्रीति भारद्बाज दलाल का कहना है कि आयोग ने प्रदेश पुलिस विभाग से कहा है कि महिला पुलिस वालंटियर्स योजना को फिर से हरियाणा में शुरु करने के बाबत कदम उठाए जाएं। दलाल का कहना है कि पहले भी इसी बाबत आयोग दो पत्र लिख चुका है। राज्य सरकार ने पायलट स्टडी की क्या रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजी थी यह भी आयोग जानना चाहता है। वह रिपोर्ट पब्लिक डोमेन में होनी चाहिए थी। रिपोर्ट को पब्लिक डोमेन में क्यों नहीं डाला गया, यह भी हैरानी का विषय है। उन्होंने कहा कि महिला पुलिस वालंटियर्स पुलिस और पीडि़ता के बीच की दूरी को कम करने का काम कर रही थी। पुलिस तक पहुंचने से पहले महिलाऐं वालंटियर्स से संपर्क करती थी। वालंटियर्स जरूरत पडऩे पर ही पुलिस तक मामला ले जाती थी और जो महिलाऐं पुलिस से संपर्क नहीं कर सकती थी उन महिलाओं को भी वालंटियर्स सहायता देती थी। आयोग ने वालंटियर्स के काम का निरीक्षण किया था। वालंटियर्स ने अपनी जि मेदारी बखूबी निभाई थी। आयोग का मानना है कि हरियाणा में अगर यह योजना फिर से लागू की जाती है तो महिलाओं की सुरक्षा के लिहाज से बेहतर होगा।  

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