16 साल की एवा मुर्टो एक दिन के लिए बनीं फिनलैंड की प्रधानमंत्री, वजह बेहद खास

Edited By Yaspal,Updated: 08 Oct, 2020 05:38 PM

16 year old eva muerto became the prime minister of finland for a day

वैसे तो सना मरीन फिनलैंड की सबसे युवा प्रधानमंत्री हैं। लेकिन हाल ही में सना ने अप्रत्याशित फैसला लेते हुए एक 16 साल की लड़की को एक दिन के लिए प्रधानमंत्री पद सौंप दिया था। उन्होंने यह कदम महिला के अधिकारों की आवाज बुलंद करने के लिए उठाया था।...

इंटरनेशनल डेस्कः वैसे तो सना मरीन फिनलैंड की सबसे युवा प्रधानमंत्री हैं। लेकिन हाल ही में सना ने अप्रत्याशित फैसला लेते हुए एक 16 साल की लड़की को एक दिन के लिए प्रधानमंत्री पद सौंप दिया था। उन्होंने यह कदम महिला के अधिकारों की आवाज बुलंद करने के लिए उठाया था। लड़कियों को बढ़ावा देने के लिए सना मरीन ने दक्षिण फिनलैंड की वास्की में रहने वाली 16 साल की एवा मुर्टो को एक दिन के लिए देश का प्रधानमंत्री की कुर्सी सौंपी थी। प्रधानमंत्री पद पाने वाली एवा ने कहा कि यह दिन उनके लिए बहुत रोमांचक दिन था।

एवा ने बताया कि उनके लिए देश का प्रधानमंत्री बनने का क्षण बेहद खास था। बतौर प्रधानमंत्री उन्होंने न्याय के चांसलर के साथ बैठक भी की। बताते चलें कि एवा जलवायु परिवर्तन और मानवाधिकारों से जुड़े मुद्दों पर सक्रियता से प्रचार-प्रसार करती हैं। एवा को गर्ल्स टेकओवर नाम के अभियान के तहत देश का एक दिन के लिए प्रधानमंत्री बनाया गया। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य लड़कियों की डिजिटल स्किल को बेहतर करना और उन्हें अवसरों में जागरुक करना है।

इस अभियान का एक अहम मकसद महिलाओं के खिलाफ लगातार ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर बढ़ रही उत्पीड़न को भी लोगों के सामने लाना है। एक दिन के खिलाफ प्रधानमंत्री के अपने कार्यकाल के बारे में एवा बताती हैं कि इस खास दिन में उन्होंने कई बातें सीखी हैं। उन्होंने कहा कि लड़कियों को यह महसूस करने की जरूरत है कि वह प्रोद्योगिकी के क्षेत्र में लड़कों की तरह अच्छी हैं और उनसे बेहतर काम कर सकती है। एवा ने कहा कि मुझे लगता है कि युवा जिनकी उम्र 18 वर्ष से अधिक है, उन्हें और भी सृजनात्मक बनने की कोशिश करनी चाहिए।

क्या है मकसद
हालांकि एक दिन के प्रधानमंत्री के कार्यकाल के दौरान एवा ने कोई नया कानून तो नहीं बनाया लेकिन इस दौरान उन्होंने कई ऐसे राजनेताओं से मिली जो प्रोद्योगिकी क्षेत्र में महिलाओं के अधिकारों के लिए काम कर रही हैं। बता दें कि गर्ल्स टेकओवर का अभियान दुनियाभर के कई देशों में चलाया जा रहा है, जिसके तहत लड़कियों को राजनीति के क्षेत्र में एक दिन के लिए कदम रखने की अनुमति दी जाती है।  

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