इतिहास का सबसे बड़ा नरसंहार: भगवान को खुश करने के लिए बलि चढ़े 227 बच्चों के मिले अवशेष

Edited By vasudha,Updated: 28 Aug, 2019 01:03 PM

227 kids were killed to stop bad weather

पेरू में पुरातत्वविदों को प्राचीन चिमू संस्कृति के काल में बलि का शिकार बनाए गए 227 बच्चों के अवशेष मिले हैं। पुरातत्वविद बलि स्थल हुआंचाको में पिछले साल से खुदाई कर रहे हैं। हुआंचाको लीमा के उत्तर में स्थित एक पर्यटक शहर है...

इंटरनेशनल डेस्क: पेरू में पुरातत्वविदों को प्राचीन चिमू संस्कृति के काल में बलि का शिकार बनाए गए 227 बच्चों के अवशेष मिले हैं। पुरातत्वविद बलि स्थल हुआंचाको में पिछले साल से खुदाई कर रहे हैं। हुआंचाको लीमा के उत्तर में स्थित एक पर्यटक शहर है। हुआंचाको वह स्थान है, जहां चिमू संस्कृति के दौर में बलि दी जाती थी। 

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मुख्य पुरातत्वविद् फेरन कैस्टिलो ने कहा कि इस जगह से उन बच्चों के सबसे अधिक संख्या में अवशेष मिले हैं, जिनकी बलि दी गई थी। कैस्टिलो ने बताया कि चिमू संस्कृति में भगवान को प्रसन्न करने के लिए किए जाने वाले अनुष्ठान के तहत इन बच्चों की बलि दी गई थी। इन बच्चों की उम्र चार से 14 वर्ष के बीच है। उन्होंने कहा कि ‘अल नीनो' के बाद उनकी बलि दी गई थी और ऐसे संकेत मिल हैं कि बारिश के मौसम में उनकी हत्या की गई थी। 
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अल-नीनो' के प्रभाव से प्रशांत महासागर में समुद्र की सतह गर्म हो जाती है, इससे हवाओं के मार्ग और रफ्तार में परिवर्तन आ जाता है और इसके चलते मौसम चक्र बुरी तरह से प्रभावित होता है। मौसम में बदलाव के कारण कई स्थानों पर सूखा पड़ता है तो कई जगहों पर बाढ़ आती है। बच्चों के शवों के मुंह समुद्र की ओर हैं। कुछ के शरीर पर अब भी मांस और बाल हैं।

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