Edited By Isha,Updated: 27 Sep, 2018 06:00 PM
अमरीका में एच-1बी वीजाधारकों के परिजन (एच-4 वीजाधारकों) का वर्क परमिट खत्म करने के खिलाफ दो डेमोक्रेट सांसदों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को पत्र लिखा। इसमें अपील की गई है
वाशिंगटनः अमरीका में एच-1बी वीजाधारकों के परिजन (एच-4 वीजाधारकों) का वर्क परमिट खत्म करने के खिलाफ दो डेमोक्रेट सांसदों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को पत्र लिखा। इसमें अपील की गई है कि 93% एच-4 वीजाधारक भारतीय हैं और काम करने का हक खत्म होने से उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
डेमोक्रेटिक पार्टी की दो प्रमुख महिला सांसदों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार से अनुरोध किया है कि वह एच-4 वीजा के तहत प्रवासी महिलाओं को मिले काम करने के अधिकार को समाप्त करने वाले फैसले पर आगे कदम नहीं बढ़ाये। उल्लेखनीय है कि इस तरह के वीजा धारकों में एक बढ़ी संख्या भारतीय-अमेरिकियों की है। इस प्रावधान से करीब 1,00,000 महिलाएं प्रभावित होंगी।
एच-4 वीजा अमरीकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवा विभाग (यूएससीआईएस) द्वारा एच-1बी वीजा धारकों के निकटतम संबंधी को दिया जाता है। इनमें उनके जीवनसाथी या 21 वर्ष से कम आयु के बच्चे शामिल होते हैं। एच-1बी वीजाधारकों में बड़ी संख्या भारतीयों की है। कैलिफोर्निया से सांसद कमला हैरिस और न्यूयॉर्क से सांसद क्रिस्टीन गिलीबार्ड ने आंतरिक सुरक्षा मंत्री क्रिस्टजेन नील्सन और यूएससीआईएस के निदेशक एल. फ्रांसिस सिस्ना को इस संबंध में पत्र लिखकर यह अनुरोध किया है।
पिछले हफ्ते आंतरिक सुरक्षा विभाग ने अमेरिकी अदालत को जानकारी दी थी कि वह एच-4 वीजा धारकों से काम करने का अधिकार वापस लेने जा रही है और इस संबंध में तीन माह से भी कम समय में अधिसूचना जारी की जाएगी। इसके बाद इन सांसदों ने यह पत्र लिखा है।