कोरोना के बाद अब इस वायरस ने कई देशों की बढ़ाई चिंता, ऑस्ट्रेलिया-फ्रांस में पहला केस...पेरू में अलर्ट जारी

Edited By Seema Sharma,Updated: 20 May, 2022 01:12 PM

after corona this virus has increased tension of many countries

ऑस्ट्रेलिया और फ्रांस में मंकीपाक्स वायरस के पहले दो मामलों का पता चला है जबकि पेरू में इसको लेकर अलर्ट जारी किया गया है। ऑस्टेलियाई राज्य न्यू साउथ वेल्स में शुक्रवार को मंकीपॉक्स वायरस के पहले ‘संभावित'' मामले का पता चला है

इंटरनेशनल डेस्क: ऑस्ट्रेलिया और फ्रांस में मंकीपाक्स वायरस के पहले दो मामलों का पता चला है जबकि पेरू में इसको लेकर अलर्ट जारी किया गया है। ऑस्टेलियाई राज्य न्यू साउथ वेल्स में शुक्रवार को मंकीपॉक्स वायरस के पहले ‘संभावित' मामले का पता चला है, जिसका प्रसार धीरे-धीरे पूरे यूरोप में हो रहा है। फ्रांस में भी इसका पहला सामने आया है, जिसकी सूचना राष्ट्रीय प्रसारक बीएफएमटीवी ने दी। ऑस्ट्रेलिया में वायरस की चपेट में आए व्यक्ति की उम्र 40 के आसपास है, जो हाल ही में यूरोप से लौटा है। जबकि फ्रांस में इले-डी-फ्रांस क्षेत्र में इसे पाए जाने की खबर है। यह क्षेत्र राजधानी पेरिस से घिरा हुआ है।

 

फ्रांस में मंकीपॉक्स के संदिग्ध मामले में मरीज को 38 डिग्री सेल्सियस से ऊपर बुखार है। आमतौर पर अफ्रीकी महाद्वीप में पनपने वाले इस वायरस का प्रसार अब (मई, 2022) दुनिया के बाकी हिस्सों में भी हो रहा है, खासकर ब्रिटेन में। न्यू साउथ वेल्स के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी केरी चैंट ने कहा कि इस बीमारी के लोगों में आसानी से फैलने की उतनी संभावना नहीं है। उन्होंने कहा कि संक्रमित व्यक्ति के बेहद निकट संपर्क में जाने पर वायरस की चपेट में आने की संभावना है। इसमें मरीज को बहुत हल्का बुखार आता है और अधिकतर लोग कुछ ही हफ्तों में ठीक भी हो जाते हैं।''

 

देश में मंकीपॉक्स के बारे में जागरूकता का प्रसार करने के लिए सभी डॉक्टरों और स्वास्थ्य केंद्रों को सतर्क कर दिया गया है। इसी तरह, ऑस्ट्रेलियाई राज्य विक्टोरिया में अधिकारियों ने विदेशों से लौटने वाले यात्रियों में बीमारी के बारे में नागरिकों को चेतावनी दी है। न्यू साउथ वेल्स विश्वविद्यालय के किर्बी इंस्टीट्यूट में बायोसेक्योरिटी प्रोग्राम के प्रमुख रैना मैकइंटायर ने कहा कि यह बीमारी उस वायरस से काफी मिलता-जुलता है, जिससे चेचक की बीमारी होती है।

 

उन्होंने कहा, ‘‘यह रेस्पिरेटरी वायरस है, लेकिन इंसानों में आसानी से नहीं फैलता है और तभी इसका प्रसार होता है जब आप संक्रमित व्यक्ति से काफी करीब से घुलते-मिलते हैं। पिछले अध्ययनों में संपर्क में आए व्यक्तियों में संक्रमण दर लगभग तीन प्रतिशत रहा।'' प्रोफेसर ने कहा, चेचक के मौजूदा टीके मंकीपॉक्स के खिलाफ प्रभावी होंगे और इसके साथ ही उन्होंने सरकार से अपील की कि इससे पहले कि इसका अधिक प्रसार हो, टीकों की पर्याप्त मात्रा जुटाना शुरू कर दें। 

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