चीनी वैक्सीन को कम कारगार बताने वाला चीन का CDC डायरैक्टर अपने बयान से मुकरा

Edited By Tanuja,Updated: 13 Apr, 2021 04:12 PM

cdc director refutes interpretation of low protection rate of chinese vaccines

कोरोना वायरस की सच्चाई दबाने के लिए हर कोशिश की और अपने डाक्टरों व अधिकारियों का मुंह बंद करवाने में कामयाब रहा । अब चीनी वैक्सीन को लेकर बयान देने वाले चीन के रोग नियंत्रण केंद्र...

बीजिंग: कोरोना वायरस की सच्चाई दबाने के लिए हर कोशिश की और अपने डाक्टरों व अधिकारियों का मुंह बंद करवाने में कामयाब रहा । अब चीनी वैक्सीन को लेकर बयान देने  वाले चीन के रोग नियंत्रण केंद्र (सीडीसी) के निदेशक गाओ फू  भी अपने  बयान से  मुकर गए हैं।  उन्‍होंने कुछ दिन पहले अपने  बयान में कहा  था कि चीन की फार्मा कंपनी सिनोविक द्वारा विकसित की गई वैक्‍सीन कोरोना वायरस पर कम कारगर है। सरकार इस वैक्‍सीन को अधिक कारगर बनाने की तैयारी में जुटी है। उन्‍होंने ये भी कहा था कि स्‍वदेशी वैक्‍सीन को पारंपरिक तरीके से विकसित किया गया था। इसके अलावा उन्‍होंने चीन को एमआरएनए तकनीक का इस्‍तेमाल किए जाने की सलाह दी थी। इस बयान के बाद चीन की सरकार में खलबली मच गई थी।

 

गाओ ने ये बयान शनिवार को दिया था जबकि इसके एक ही दिन बाद वो अपने बयानों से पलटते हुए दिखाई दिए। ग्‍लोबल टाइम्‍स के मुताबिक उन्‍होंने कहा कि उनके बयान को समझने में मीडिया नाकाम रही। उन्‍होंने ऐसा कुछ नहीं कहा था, जिस पर स्‍वदेशी वैक्‍सीन की कारगरता पर सवाल उठाए जाएं। उन्‍होंने  कहा है कि भविष्‍य में यदि हमें वैक्‍सीन में सुधार करने हैं तो इसके लिए हमें वायरस और वैक्‍सीन पर लगातार शोध करते रहना होगा। बता दें कि ग्‍लोबल टाइम्‍स चीन की सरकार का मुखपत्र है। अपने बयान के बाद इस अखबार के साथ हुए  इंटरव्‍यू में गाओ ने कहा कि दुनियाभर के विशेषज्ञ वैक्‍सीन की कारगरता को लेकर बात कर रहे थे।

 

उन्‍होंने इस दौरान केवल अपना साइंटिफिक विजन पेश किया था। उनका कहने का अर्थ केवल यही था कि वैक्‍सीन की कारगरता को और अधिक बढ़ाया जा सकता है। इसके लिए ही उन्‍होंने अलग-अजग वैक्‍सीन लगाने की भी सलाह दी थी। उन्‍होंने  एक इंटरव्‍यू में कहा था  कि दुनियाभर में विकसित की गई कोरोना वैक्‍सीन की कारगरता की बात करहें तो कुछ का कम और कुछ की कम है। इसको बढ़ाने के सवाल पर वैज्ञानिक विचार कर रहे थे। इसी दौरान उन्‍होंने अपना विचार पेश किया था। ग्‍लोबल टाइम्‍स के मुताबिक गाओ इस बात को लेकर दुखी थे कि मानव सभ्‍यता को पहली बार कोविड-19 महामारी से दो-चार होना पड़ रहा है। यही वजह है कि दुनिया भर के वैज्ञानिक इसकी वैक्‍सीन को लेकर शोध कर रहे हैं। सभी वैज्ञानिक इसको विकसित करने के लिए सभी नियमों का पालन कर रहे हैं।

 

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