खुफिया दस्तावेजों से खुलासाः चीन ने डिटेंशन कैंप में कैद कर रखे 80 लाख मुसलमान

Edited By Tanuja,Updated: 21 Sep, 2020 11:11 AM

china has locked up 8 million muslims in re education camps

चीन में उइगर  मुस्लमाों पर किए जा रहे अत्याचारों के खिलाफ पूरी दुनिया में आवाज उठ रही है। अब तक माना जा रहा था कि चीन ने 10 लाख उइगरों ...

बीजिंगः चीन में उइगर  मुस्लमाों पर किए जा रहे अत्याचारों के खिलाफ पूरी दुनिया में आवाज उठ रही है। अब तक माना जा रहा था कि चीन ने 10 लाख उइगरों को कैद कर रखा है लेकिन अब एक रिपोर्ट में इनआकंड़ों को लेकर चौकाने वाला खुलासा हुआ है। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी  शिनजियांग में उइगर और अन्य समुदायों के लिए चीनी कम्युनिस्ट पार्टी बड़े पैमाने पर डिटेंशन सेंटर को चला रही है में जहां राजनीतिक असंतोष को दबाने का काम होता है। इसके अलावा उइगुर मुसलमानों को प्रताड़ित करने का काम भी किया जा रहा है। चीनी सरकार इसे व्यवसायिक प्रशिक्षण केंद्र का नाम दे रही है। द सन की रिपोर्ट के अनुसार चीन ने अपने डिटेंशन कैंप्स में शिनजियांग प्रांत के 80 लाख उइगुर मुसलमानों को कैद कर रखा है।

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कैंप से भागे  लोगों ने बताया खौफनाक सच 
पेइचिंग के एक खुफिया दस्तावेज में बताया गया है कि चीनी सरकार अपनी सक्रिय श्रम और रोजगार नीतियों के माध्यम शिनजियांग के लोगों के सांस्कृतिक और सामाजिक जीवन को बेहतर बना रही है। इस दस्तावेज में यह भी कहा गया है कि लगभग 8 मिलियन (80 लाख) मुसलमानों को अलग-अलग डिटेंशन कैंप्स में रखा गया है। शिनजियांग की 29 साल की महिला मिहरिगुल तुर्सुन ने अमेरिकी राजनेताओं को बताया कि वह 2018 में चीन के इस कैंप से भाग निकली थीं। उन्होंने  कि इस कैंप में चीनी अधिकारी इतनी यातनाएं देते थे कि मन करता था कि इसके बजाए मैं मर जाऊं या उनसे अपनी मौत की भीख मांगू। एक और उइगर कायरात समरकंद ने कहा कि उन्हें प्रताड़ित करने के लिए धातु का बना बख्तरबंद पहनाया जाता था। वे मुझ पर उसे पहनने के लिए दबाव डालते थे। चीनी सैनिक उसे मेटल सूट कहते थे। 50 किलो के इस सूट को पहनने के बाद मेरे हाथ और पैर काम करना बंद कर देते थे। मेरे पीठ में भी भयंकर दर्द होता था।

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पाकिस्तान समेत मुस्लिम देशों  की खामोशी सवालों में
उइगुर मुसलमानों पर अत्याचार को लेकर अभी तक किसी भी मुस्लिम देश ने चीन का खुलकर विरोध नहीं किया है। दुनियाभर के मुसलमानों के मसीहा सऊदी अरब, तुर्की और पाकिस्तान के मुंह से उइगुरों को लेकर आज तक एक शब्द नहीं निकला है। ये सभी देश इस मामले में पड़कर चीन की दुश्मनी मोल नहीं लेना चाहते। जबकि, धरती के दूसरे किसी भी हिस्से में मुसलमानों को लेकर इनका रवैया एकदम सख्त रहता है। हालांकि चीनी नेता इसका खंडन करते हैं। वे इस डिटेंश कैंप्स को व्यवसायिक प्रशिक्षण केंद्र बताते हैं।

 

उइगर मामले पर अमेरिका ने उठाया सख्त कदम
चीन सरकार की रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिणी शिनजियांग में 2014 से 2019 तक 415,000 उइगुर मुस्लिमों को कैद कर रखा गया था। इनमें से कई लोग ऐसे भी हैं जिन्हें एक से ज्यादा बाद कैद किया गया है। कुल मिलाकर अभी 8 मिलियन से ज्यादा लोग चीन के डिटेंशन कैंप्स में कैद हैं। अमेरिका ने 9 जुलाई को उइगुर मुसलमानों के मानवाधिकार हनन के मामले में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के तीन वरिष्ठ अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाया था। अमेरिका ने पहले ही चीन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी थी। कहा जा रहा है कि अमेरिका आगे भी कई अन्य चीनी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का मन बना रहा है।

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कौन हैं उइगर मुस्लिम
उइगर मध्य एशिया में रहने वाले तुर्क समुदाय के लोग हैं जिनकी भाषा उइगर भी तुर्क भाषा से काफी मिलती-जुलती है। उइगर तारिम, जंगार और तरपान बेसिन के हिस्से में आबाद हैं। उइगर खुद इन सभी इलाकों को उर्गिस्तान, पूर्वी तुर्किस्तान और कभी-कभी चीनी तुर्किस्तान के नाम से पुकारते हैं। इस इलाके की सीमा मंगोलिया, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, अफगानिस्तान, पाकिस्तान और भारत के साथ-साथ चीन के गांसू एवं चिंघाई प्रांत एवं तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र से मिलती है। चीन में इसे शिंजियांग उइगर स्वायत्त क्षेत्र (एक्सयुएआर) के नाम से जाना जाता है और यह इलाका चीन के क्षेत्रफल का करीब छठा हिस्सा है।

 

उइगरों का इतिहास
करीब दो हजार साल तक आज के शिनजियांग उइगुर स्वायत्त क्षेत्र पर एक के बाद एक खानाबदोश तुर्क साम्राज्य ने शासन किया। उनमें उइगुर खागानत प्रमुख है जिसने आठवीं और नौवीं सदी में शासन किया। उइगुरों ने अपने अलग साम्राज्य की स्थापना की। मध्यकालीन उइगुर पांडुलिपि में उइगुर अली का उल्लेख है जिसका मतलब होता है उइगुरों का देश।उइगुर का चीनी इतिहास 1884 में शुरू होता है। चिंग वंश के दौरान इस क्षेत्र पर चीन की मांचू सरकार ने हमला किया और इस इलाके पर अपना दावा किया। फिर इस क्षेत्र को शिंजियांग नाम दिया गया जिसका मैंड्रीन में 'नई सीमा' या 'नया क्षेत्र' मतलब होता है।1933 और 1944 में दो बार उइगुर अलगाववादियों ने स्वतंत्र पूर्वी तुर्किस्तान गणराज्य की घोषणा की।1949 में चीन ने इस इलाके को अपने कब्जे में ले लिया और 1955 में इसका नाम बदलकर शिंजियांग उइगुर स्वायत्त क्षेत्र कर दिया।

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