Edited By Tanuja,Updated: 09 Dec, 2018 10:39 AM
चीन ने चंद्रमा की दूसरी ओर की सतह यानि उसके विमुख फलक पर लैंड कराने के लिए शनिवार सुबह एक रोवर को प्रक्षेपित किया। वैश्विक स्तर पर इस तरह के पहले प्रक्षेपण से अंतरिक्ष महाशक्ति बनने की चीन की महत्वाकांक्षाओं को और बल मिलेगा...
बीजिंगः चीन ने चंद्रमा की दूसरी ओर की सतह यानि उसके विमुख फलक पर लैंड कराने के लिए शनिवार सुबह एक रोवर को प्रक्षेपित किया। वैश्विक स्तर पर इस तरह के पहले प्रक्षेपण से अंतरिक्ष महाशक्ति बनने की चीन की महत्वाकांक्षाओं को और बल मिलेगा। समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक, दक्षिण-पश्चिमी शिचांग के प्रक्षेपण केंद्र से लॉन्ग मार्च 3बी रॉकेट के जरिए‘चांग‘ई-4’ का प्रक्षेपण किया गया।
गौरतलब है कि चंद्र अभियान ‘चांग‘ई-4’ का नाम चीनी पौराणिक कथाओं की चंद्रमा देवी के नाम पर रखा गया है। चांग‘ई-4 के सफल प्रक्षेपण से चंद्रमा की दूसरी तरफ की सतह पर चीनी चंद्र अन्वेषण मिशन की लंबी यात्रा की एक अच्छी शुरुआत हुई है, जो चंद्रमा के अज्ञात क्षेत्रों का पता लगाएगा। इस रोवर के नए साल के आसपास चंद्रमा की सतह पर उतरने की उम्मीद है। चंद्रमा के आगे वाला हिस्सा जो हमेशा धरती के सम्मुख होता है, जहां कई समतल क्षेत्र हैं ,जिसपर उतरना आसान होता है। लेकिन इसकी दूसरी ओर की सतह का क्षेत्र पहाड़ी और काफी ऊबड़-खाबड़ है।
1959 में पहली बार सोवियत संघ ने चंद्रमा की दूसरी तरफ की सतह की पहली तस्वीर ली थी, जिसने चंद्रमा की अंधेरे तरफ के कुछ रहस्यों को सामने लाया था। अभी तक कोई भी चंद्र लैंडर या रोवर चंद्रमा की विमुख सतह पर नहीं उतर सका है। चीन चंद्रमा के उन क्षेत्रों का पता लगाने के लिए मिशन भेजने वाला विश्व का पहला देश है।