अमेरिका को युद्ध के लिए उकसा रहा चीन ! कोरियाई युद्ध की बरसी पर शी के बयान से टेंशन में विश्लेषक

Edited By Tanuja,Updated: 27 Oct, 2020 03:09 PM

china ominously ups the rhetorical ante for war

19 अक्टूबर  को कोरियाई युद्ध की 70वीं बरसी पर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने ऐसा भाषण दिया जिसे लेकर विश्लेषक चिंता में हैं। चीनी राष्ट्रपति ने भाषण ...

 

बीजिंगः 19 अक्टूबर  को कोरियाई युद्ध की 70वीं बरसी पर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने ऐसा भाषण दिया जिसे लेकर विश्लेषक चिंता में हैं। चीनी राष्ट्रपति ने भाषण के दौरान अमेरिका को खुली चुनौती दी। इशारों-इशारों में जिनपिंग ने कहा कि जब चीन के हालात बहुत अधिक खराब थे उस समय भी वो अमेरिका से नहीं डरता था तो फिर अब वो हर मायने में मजबूत स्थिति में है । ऐसे में अमेरिका से डर का कोई मतलब नहीं बनता है। इसे अपरोक्ष रूप से चीन का अमेरिका को युद्ध के लिए उकसाने वाला बयान माना जा रहा है ।

 

दरअसल चीन युद्ध की बरसियों का इस्तेमाल नए चीन की सैन्य ताकत से अमेरिका को परोक्ष रूप से धमकाने के लिए करता रहा है। अमेरिका ने जब से ताइवान को एक अरब डॉलर से ज्यादा कीमत का हथियार बेचने की मंजूरी दी है उसके बाद से चीन और अमेरिका के बीच विवाद बढ़ गया है। अमेरिका की इस घोषणा के बाद तनाव में बढ़ावा हो गया है। इस युद्ध की 70वीं बरसी ऐसे दौर में मनाई जा रही है जब अमेरिका के साथ कारोबारी और तकनीक के लिए मुकाबलेबाजी, मानवाधिकार और ताइवान को लेकर पार्टी पर दबाव है। चीन ताइवान को अपना अभिन्न अंग मानता है। बरसी के मौके पर शी जिनपिंग ने चीनी सेना की वीरगाथाओं का जिक्र करते हुए उनमें देशभक्ति का भाव मजबूत करने की कोशिश की।

 

1950-53 के बीच चले युद्ध को उन्होंने इस बात की निशानी कहा कि यह देश उस ताकत से लड़ने के लिए तैयार है जो चीन के दरवाजे पर मुश्किल पैदा करेगा। चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के लिए कोरियाई युद्ध वो कहानी है जिसने उसे अपनी जड़ें जमाने में मदद दी। रैली में अमेरिका पर निशाना साधते हुए, ‘एकपक्षवाद, संरक्षणवाद और अतिवादी अहंभाव’ की निंदा की। अमेरिका के नेतृत्व में संयुक्त राष्ट्र गठबंधन बलों के खिलाफ उत्तर कोरिया को मदद देने के लिए चीन ने इस युद्ध में अपनी सेना भेजी थी, जिसे चीन ‘अमेरिकी आक्रमकता के खिलाफ युद्ध और कोरिया की मदद’ का नाम देता है। यह युद्ध भले ही गतिरोध के बीच समाप्त हुआ लेकिन इसने विश्व मंच पर चीन को बड़े खिलाड़ी के रूप में स्थापित कर दिया।

 

19 अक्टूबर 1950 को कोरियाई युद्ध में चीन के प्रवेश की 70 वीं वर्षगांठ के दौरान, चीन के सर्वोच्च सुप्रीमो ने मजाकिया अंदाज में कहा आक्रमणकारियों से उनकी भाषा में बात करना आवश्यक है जो वे जानते हैं । उन्होंने कहा कि शांति और सम्मान जीतने के लिए एक जीत की आवश्यकता है। " शी की इस तरह की टिप्पणी गंभीर चेतावनी के तौर देखा जा रहा है। शी जिनपिंग के इस भाषण को राष्ट्रवादी जिंगो के साथ जोड़ा गया और 2000 के बाद से यह पहली बार था जब किसी चीनी नेता ने इस कोरियाई युद्ध की सालगिरह के मौके पर बड़ा भाषण दिया है। चीन ने युद्ध को अमेरिका और दक्षिण कोरिया का विरोध करने के लिए संघर्ष के रूप में संदर्भित किया है। गौरतलब है कि चीनी नेता अक्सर इतिहास का उपयोग वर्तमान के बारे में बात करने के लिए करते हैं, भले ही उनका दृष्टिकोण मौलिक रूप से उनके अपारदर्शी और विकृत हो।

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