Edited By Punjab Kesari,Updated: 09 Jan, 2018 10:42 PM
चीन के पूर्व सेना प्रमुख जनरल फैंग फेंघुई के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में मुकदमा चलाया जाएगा। राष्ट्रपति शी चिनफिंग द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाए गए अभियान के जाल में फंसने वाले वह नए शीर्ष रक्षा अधिकारी बन गए हैं। फैंग हाल तक दुनिया की सबसे बड़ी...
बीजिंग: चीन के पूर्व सेना प्रमुख जनरल फैंग फेंघुई के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में मुकदमा चलाया जाएगा। राष्ट्रपति शी चिनफिंग द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाए गए अभियान के जाल में फंसने वाले वह नए शीर्ष रक्षा अधिकारी बन गए हैं।
फैंग हाल तक दुनिया की सबसे बड़ी सेना के प्रमुख थे। पिछले साल तक चीनी सेना का प्रमुख रहने के अलावा जनरल फैंग राष्ट्रपति चिनफिंग की अध्यक्षता वाली चीन की शक्तिशाली केंद्रीय सैन्य आयोग (सीएमसी) के सदस्य थे। सीएमसी 23 लाख सैनिकों वाली पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) का आला कमान है। उनपर पिछले कुछ समय से संदेह के बादल मंडरा रहे थे। भारत के साथ डोकलाम में 73 दिनों तक चले गतिरोध के बीच उन्हें पद से हटाया गया। सरकारी संवाद समिति शिन्हुआ ने आज बताया कि रिश्वतखोरी के संदेह में फैंग का सैन्य अभियोजन प्राधिकरण में तबादला कर दिया गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सत्तारूढ़ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) की मंजूरी के बाद उनका तबादला किया गया है। हांगकांग से चलाए जाने वाले ‘साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट’ की खबर के अनुसार 66 वर्षीय फैंग कभी पीएलए के सबसे युवा कमांडर थे। सेना के अंदरूनी लोग उन्हें ‘अवसरवादी’ बताते हैं। पिछले साल नवंबर में उनके साथी जनरल झांग यांग ने आत्महत्या कर ली थी। वह भी भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर जांच का सामना कर रहे थे। वह भी चिनफिंग की अध्यक्षता वाली सीएमसी के सदस्य थे। पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘फैंग के खिलाफ जांच की घोषणा में इतनी देरी झांग के अचानक आत्महत्या करने की वजह से हुई। झांग की मौत से सेना के मनोबल पर पड़े प्रभाव को घटाने के लिये फंग के मामले को अब तक कुछ समय के लिये दरकिनार कर दिया गया था।’’