रिपोर्ट में दावाः दुनिया को नहीं रहा बीजिंग पर विश्वास, चीनी हथियारों की घटी मांग

Edited By Tanuja,Updated: 28 May, 2022 05:16 PM

china s arms sales diplomacy failing due to trust deficit

चीन की कंपनियों के प्रति दुनिया का विश्वास कम होता जा रहा है और इसका असर उसके हथियार कारोबार पर नजर आने लगा है। वैश्विक स्पर्धा में पहले...

 बीजिंगः चीन की कंपनियों के प्रति  दुनिया का विश्वास कम होता जा रहा है और इसका असर उसके हथियार कारोबार पर नजर आने लगा है। वैश्विक स्पर्धा में पहले चीन की कंपनियों के प्रति  विश्वास की कमी है और अब चीन से हथियार खरीदने वाले राष्ट्र भी दूसरे विकल्प तलाशने लगे हैं।यह जानकारी अमेरिका में हुए एक अध्ययन में सामने आई है। रिपोर्ट के अनुसार रूस यूक्रेन युद्ध के चार महीने बीत जाने के बाद चीन हथियारों की मांग में वृद्धि की उम्मीद लगा रहा था लेकिन इससे विपरीत चीन के हथियारों की मांग में कमी देखी जा रही है।

 

अध्ययन के मुताबिक बीजिंग के रक्षा अनुबंधों में विश्वास की कमी के कारण चीन की हथियार बिक्री कूटनीति पूरी तरह से विफल साबित हुई। चीन के रक्षा अनुबंधों में पारदर्शिता और जवाबदेही का अभाव रहता है। इसकी वजह से अब चीन से हथियार खरीदने वाले राष्ट्र पीछे हटने लगे हैं। वे अब कोई जोखिम नहीं लेना चाहते।
रूसी परिषद की एक रिपोर्ट के अनुसार चीन अभी भी अत्याधुनिक सैन्य सामग्री का प्रथम श्रेणी का विकासकर्ता और निर्माता नहीं माना जाता है क्योंकि इसके पास हथियारों के जटिल पा‌र्ट्स बनाने के लिए आवश्यक क्षमताओं की कमी है।
 

जानकारों का मानना है कि पिछले कुछ सालों में अफ्रीका में चीनी सैन्य उपकरणों की बिक्री में तेज वृद्धि देखी गई है। अफ्रीका इससे पहले रूस से सबसे अधिक सैन्य उपकरण खरीदता था। चीन यहां न केवल अपने हथियारों की बिक्री बढ़ा रहा है, बल्कि सैन्य प्रशिक्षण और अफ्रीका की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में निवेश भी कर रहा है जिसे विशेषज्ञ चीन की अफ्रीका महाद्वीप में पैर जमाने की कोशिश के तौर पर देख रहे हैं।स्टाकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट के अनुसार भारत दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातक देश है।

 

इस सूची में दूसरे स्थान पर सऊदी अरब तीसरे स्थान पर मिस्त्र चौथे स्थान पर आस्ट्रेलिया और पांचवें स्थान पर चीन है।स्टाकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट की हालिया रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान चीन का सबसे बड़ा ग्राहक है। चीन से निर्यात होने वाले हथियारों का 47 प्रतिशत हिस्सा केवल पाकिस्तान को जाता है। इसके बाद चीन बांग्लादेश को 16 प्रतिशत और थाईलैंड को पांच प्रतिशत हथियार निर्यात करता है। इसके अलावा सर्बिया, तनजानियां, नाइजीरिया, सूडान, केमरून, जिंबाब्वे, जांबिया, गाबोन, अल्जीरिया, नांबिया, घाना और इथोपिया चीनी हथियारों के मुख्य आयातक हैं। 

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