Edited By Tanuja,Updated: 10 Sep, 2019 11:46 AM
चीन के खगोल विज्ञानियों ने विश्व की सबसे बड़ी और सर्वाधिक संवेदनशील रेडियो दूरबीन पर बार-बार होने वाले ''फास्ट रेडियो बर्स्ट'' (एफआरबी) जैसे रहस्यमय सिग्नल को पकड़ा है...
बीजिंग: चीन के खगोल विज्ञानियों ने विश्व की सबसे बड़ी और सर्वाधिक संवेदनशील रेडियो दूरबीन पर बार-बार होने वाले 'फास्ट रेडियो बर्स्ट' (एफआरबी) जैसे रहस्यमय सिग्नल को पकड़ा है जिनका स्रोत पृथ्वी से लगभग तीन अरब वर्ष दूर हो सकता है। चंद्रयान 2 के लैंडर से संपर्क टूटने के करीब 60 घंटे बाद चीन ने अपने सबसे बड़े टेलिस्कोप को अंतरिक्ष से मिल रहे रहस्यमय सिग्नल की जानकारी देकर सभी को हैरान कर दिया है। हालांकि, अभी तक इस बात का पता नहीं चल सका है कि यह रहस्यमय सिग्नल के पीछे क्या है।
बेहद खास है यह सिग्नल
जिस टेलिस्कोप को यह सिग्नल मिल रहे हैं वह भी अपने आप में बेहद खास है। चीन के दक्षिण-पश्चिम में स्थित गुइझोऊ प्रांत में यह टेलिस्कोप लगा है। इसका नाम है फास्ट (FAST)। फास्ट मतलब है फाइव हंड्रेड मीटर एपरेचर स्फेरिकल रेडियो टेलिस्कोप (Five-hundred-meter Aperture Spherical Radio Telescope)। इसकी खासियत का अंदाजा आप इस बात से भी लगा सकते हैं कि यह अब तक करीब 44 नए पल्सर की खोज कर चुका है। पल्सर तेजी से घूमने वाला न्यूट्रॉन या तारा होता है जो रेडियो तरंग और इलेक्ट्रोमेग्नेटिक रेडिएशन उत्सर्जित करता है।
क्या है टेलिस्कोप की खासियत
इस टेलिस्कोप की खासियत यहीं तक सीमित नहीं है। फिलहाल इस टेलिस्कोप को जो सिग्नल मिल रहे हैं उसको वैज्ञानिक भाषा में फास्ट रेडियो बर्स्ट (FRB) कहते हैं। इसका अर्थ वो रहस्यमय सिग्नल हैं जो सुदूर ब्रह्मांड से आते हैं। जिन स्ग्निल के मिलने की बात अभी सामने आई है उनकी दूरी पृथ्वी से करीब तीन बिलियन प्रकाश वर्ष है। हालांकि, इन संकेतों का लैंडर से कोई लेना देना नहीं है क्योंकि यह चांद से भी कई गुणा दूर है। आपको बता दें कि चांद की पृथ्वी से दूरी करीब 384,400 किमी है। बहरहाल, चीन के वैज्ञानिक फिलहाल इनका विश्लेषण कर रहे हैं और ये जानने की कोशिश कर रहे हैं कि यह कहां से आए हैं। नेशनल एस्ट्रोनॉमिकल ऑब्जरवेटरी ऑफ चाइनीज अकादमी ऑफ साइंस के मुताबिक यह संकेत कुछ सैकेंड के लिए ही मिले थे। वैज्ञानिकों की मानें तो इस तरह के सिग्नल यदि आगे भी मिले तो मुमकिन है कि इनके उदगम स्थल का भी पता चल सके।
प्राकृतिक सिंकहोल का इस्तेमाल
आपको बता दें कि इस टेलिस्कोप को एक प्राकृतिक रूप से बने सिंकहोल की जगह बनाया गया है। 2016 से इस टेलिस्कोप ने काम करना शुरू किया था और यह दुनिया का सबसे बड़ा फाइल्ड रेडियो टेलिस्कोप (filled radio telescope) है। इसके अलावा यह दुनिया का दूसरे नंबर का सिंगल एपरेचर टेलिस्कोप भी है। इसके आगे रूस का रतन-600 है। चीन की आधिकारिक समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज की नेशनल एस्ट्रनॉमिकल ऑब्जर्वेटरीज के अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि वैज्ञानिकों ने 500 मीटर लंबी 'अपर्चर स्फेरिकल रेडियो टेलिस्कोप' से इन संकेतों को पकड़ा और इनके बारे में बारीकी से अध्ययन किया जा रहा है। 'फास्ट रेडियो बर्स्ट' ब्रह्मांड में अब तक ज्ञात सबसे प्रकाशीय प्रस्फोट हैं।