Edited By Tanuja,Updated: 23 Mar, 2019 05:06 PM
न्यूजीलैंड के क्राईस्टचर्च में मस्जिदों पर हुए हमले के कई दिनों बाद इनमें फिर से प्रार्थना करने की अनुमति दे दी गई है...
क्राईस्टचर्चः न्यूजीलैंड के क्राईस्टचर्च में मस्जिदों पर हुए हमले के कई दिनों बाद इनमें फिर से प्रार्थना करने की अनुमति दे दी गई है। हालांकि बिल्डिंग अब भी बंद है ताकि पुलिस हमले की जांच कर सके। बता दें कि 15 मार्च को दो मस्जिदों पर हुई अंधाधुंध गोलीबारी में 50 लोगों की मौत हो गई थी। शनिवार को अल नूर मस्जिद के खुलने पर हमले के पीड़ितों को सम्मानित करने के लिए करीब 3 हजार लोगों ने क्रिस्टचर्च से 'मार्च ऑफ लव' नामक मार्च निकाला।
इन लोगों में से कई एकदम शांत थे जबकि कुछ ने हाथों में तख्तियां ली हुई थीं, जिनपर शांति और जातिवाद के विरोध से संबंधित बातें लिखी हुई थीं। मार्च को आयोजित करने में मदद करने वाली 16 वर्षीय मनइया बटलर का कहना है, "हमें लगता है कि नफरत ने कई बार बुरा अंधेरा ला दिया है। इस अंधेरे से शहर को निकालने के लिए प्यार ही एक इलाज है।" मस्जिद पर हुए इस हमले में अपने तीन साल के बेटे को खोने वाले एडेन डिरिए भी शनिवार को अल नूर मस्जिद में आए।
उन्होंने यहां प्रार्थना करने के बाद कहा, "मैं बहुत खुश हूं"। मस्जिदों पर हमला करने वाले संदिग्ध का नाम ब्रेनटन टैरेंट (28) है जो ऑस्ट्रेलिया का रहने वाला है। हमले के अगले दिन टैरेंट को कोर्ट में पेश किया गया। यहां वह मुस्कुरा रहा था। उसे अपने किए का कोई पछतावा नहीं था। जज ने उसके खिलाफ हत्या के आरोप तय किए। उस पर और भी आरोप लगाए जा सकते हैं। कोर्ट ने हमलावर को अगली सुनवाई तक हिरासत में भेज दिया। 5 अप्रैल को होने वाली अगली सुनवाई तक उसे हिरासत में रखा जाएगा।