Edited By Tanuja,Updated: 08 Aug, 2020 05:46 PM
अफगानिस्तान ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान के वास्तविक सहयोग के बिना आंतकवादी पनाहगाहों को बंद करना संभव नहीं है। अफगान विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया कि अफगानिस्तान-पाकिस्तान ...
इंटरनेशनल डेस्कः अफगानिस्तान ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान के वास्तविक सहयोग के बिना आंतकवादी पनाहगाहों को बंद करना संभव नहीं है। अफगान विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया कि अफगानिस्तान-पाकिस्तान एक्शन प्लान फॉर पीस एंड सॉलिडैरिटी (APAPPS) पर अमल तभी संभव है जब पाक इसमें सही मायनों में सहयोग करे। अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बयान में पाकिस्तान के उस आरोप का भी खंडन किया है कि अफगान सेना डुरंड रेखा के उत्तर में बंशी-दिर क्षेत्र पर कथित हमले कर रही है।
दरअसल पाकिस्तानी सेना ने गुरुवार को कहा था कि डूरंड रेखा के पार से अफगान सेना की गोलीबारी में पाकिस्तानी सैनिक हताहत हुए हैं। पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने अफगान सीमा सुरक्षा बलों पर पाक सैनिकों पर हमले और गोलीबारी के आरोप लगाए थे । जवाब में फगानिस्तान विदेश मंत्रालय ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि अफगानिस्तान खुद आतंकवाद का शिकार है। उन्होंने कहा, "अफगानिस्तान सरकार आतंकवादियों के अभयारण्यों को बंद करने की इच्छुक है लेकिन यह तभी संभव है जब पाकिस्तान सहयोग देगा। बता दें कि APAPPS फ्रेमवर्क दोनों देशों के समकक्ष संस्थानों के बीच जुड़ाव बढ़ाने के लिए एक व्यापक और संरचित तंत्र प्रदान करता है।
अफगान मंत्रालय ने कहा कि काबुल ने हमेशा जोर दिया है कि किसी भी आतंकवादी समूह को पाकिस्तान या अन्य देशों के खिलाफ अफगान क्षेत्र का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। बयान में कहा गया, "आतंकवाद के खिलाफ अफगान सुरक्षा बलों की लड़ाई और समर्पण इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ अफगानिस्तान के सच्चे संघर्ष का स्पष्ट उदाहरण है।" बता दें कि गृहयुद्ध से जूझ रहे अफगानिस्तान को लेकर आई संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में चौंका देने वाला खुलासा हुआ है। संयुक्त राष्ट्र ने बताया कि अफगानिस्तान में पाकिस्तान के 6500 आतंकवादी युद्ध लड़ रहे हैं। इसमें से अकेले लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के 1 हजार आतंकवादी हैं।