कोरोना संकटः WHO को नहीं मिला नोबेल शांति पुरस्‍कार, भड़का चीनी मीडिया बोला-" बेकार है यह अवार्ड..बंद कर दो "

Edited By Tanuja,Updated: 11 Oct, 2020 10:21 AM

corona crisis who did not receive nobel peace prize provoked chinese media

कोरोना वायरस संकट के बीच चीन और विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (WHO) की भूमिका पर पूरी दुनिया में सवाल उठते रहे हैं। ड्रैगन के इशारे पर काम करने के ...

 बीजिंगः कोरोना वायरस संकट के बीच चीन और विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (WHO) की भूमिका पर पूरी दुनिया में सवाल उठते रहे हैं। ड्रैगन के इशारे पर काम करने के आरोपों से घिरे WHO को नोबेल शांति पुरस्‍कार न दिए जाने पर चीनी मीडिया तिलमिला उठा है। चीन के सरकारी मुखपत्र ग्‍लोबल टाइम्‍स के एडिटर हू शिजिन ने तो यहां तक कह द‍िया कि नोबेल शांति पुरस्‍कार बेकार हो गया है और उसे बंद कर देना चाहिए। शिजिन ने लिखा, 'नोबेल कमिटी के अंदर इतना साहस नहीं है कि वह विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन को पुरस्‍कार दे क्‍योंकि यह अमेरिका को नाराज करेगा।

 

नोबेल पुरस्‍कार को बहुत पहले ही रद्द कर देना चाहिए था। यह केवल पश्चिमी और अमेरिका के बडे़ लोगों की दलाली करने के अलावा कुछ नहीं करता है और कई बार बनावटी संतुलन बनाने का प्रयास करता है।' इससे पहले शुक्रवार को घोषणा की गई कि वर्ष 2020 के शांति नोबेल पुरस्कार से विश्व खाद्य कार्यक्रम को सम्मानित किया जाएगा। वैश्विक स्तर पर भूख से लड़ने और खाद्य सुरक्षा के प्रयासों के लिए संयुक्त राष्ट्र के कार्यक्रम को शुक्रवार को यह सम्मान देने की घोषणा की गई। नोबेल शांति पुरस्कार की घोषणा ओस्लो में नोबेल समिति के अध्यक्ष बेरिट रेइस एंडरसन ने की। नॉर्वे की नोबेल कमिटी ने WFP को भूख से लड़ने की कोशिशों, युद्धग्रस्त क्षेत्रों में शांति के लिए हालात बेहतर करने और जंग और विवाद की स्थिति में भूख को हथियार के तौर पर इस्तेमाल किए जाने से रोकने में अहम भूमिका निभाने के लिए शांति का नोबेल पुरस्कार देने का फैसला किया है।

 

नोबेल समिति ने कहा कि कोरोना वायरस की महामारी के चलते दुनियाभर में भूखे लोगों की संख्या में लाखों का इजाफा हुआ है। समिति ने सरकारों से आह्वान किया कि वे विश्व खाद्य कार्यक्रम और अन्य सहायता संगठनों को वित्तीय मदद सुनिश्चित करे ताकि वे उन्हें भोजन मुहैया करा सकें। बता दें किकोरोना वायरस के कहर से जूझ रहे अमेरिका समेत कई देशों के निशाने पर विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (WHO) आ गया है। अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने आरोप लगाया है कि डब्‍ल्‍यूएचओ 'चीन केंद्रीत' हो गया है।

 

इस पूरे महासंकट को लेकर डब्‍ल्‍यूएचओ से काफी नाराज चल रहे ट्रंप ने इस वैश्विक संस्‍था की फंडिंग को रोक दिया है। अमेरिका के राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने पिछले दिनों ट्वीट करके आरोप लगाया, 'डब्‍ल्‍यूएचओ को मिलने वाले वित्तपोषण का अधिकांश या सबसे बड़ा हिस्सा हम उन्हें देते हैं। जब मैंने यात्रा प्रतिबंध लगाया था तो वे उससे सहमत नहीं थे और उन्होंने उसकी आलोचना की थी। वे गलत थे। वे कई चीजों के बारे में गलत रहे हैं। उनके पास पहले ही काफी जानकारी थी और वे काफी हद तक चीन केंद्रित लग रहे हैं।'

 

  

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