Edited By Tanuja,Updated: 19 Mar, 2019 11:21 AM
पर्यावरण के लिए काम करने वाले संगठनों ने एकल उपयोग वाली प्लास्टिक पर फिलीपींस की निर्भरता के चलते उसे दुनिया के सबसे बड़े महासागर को प्रदूषित करने वाले देश के रूप में टैग किया है...
मनीलाः पर्यावरण के लिए काम करने वाले संगठनों ने एकल उपयोग वाली प्लास्टिक पर फिलीपींस की निर्भरता के चलते उसे दुनिया के सबसे बड़े महासागर को प्रदूषित करने वाले देश के रूप में टैग किया है। इसका कारण है फिलीपींस में एक व्हेल की भूख की वजह से मौत हो गई। पोस्टमार्टम में उसके पेट से 40 किलो प्लास्टिक कचरा निकला है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस कचरे के कारण व्हेल कुछ खा नहीं पा रही थी, जिसके चलते वह बीमार हो गई थी।
पर्यावरणविदों ने इसे जलीय जीवों को जहर देने के सबसे खराब मामलों में से एक बताया है। क्षेत्रीय मत्स्य ब्यूरो के मुताबिक प्रदूषण के चलते किसी जलीय जीव की मौत का ताजा मामला शनिवार को दक्षिणी प्रांत की कम्पोस्टेला घाटी का है। यहां पर एक दिन पहले फंसी व्हेल (4.7 मीटर लंबी) की मौत हो गई। एजेंसी और पर्यावरण संगठनों ने जब उसके शव का पोस्टमार्टम कराया तो व्हेल के पेट से लगभग 40 किलोग्राम प्लास्टिक निकला जिसमें किराने की प्लास्टिक की थैली और चावल की बोरियां शामिल थीं।
डी बोन कलक्टर म्यूजियम के निदेशक डारेल ब्लेचले ने कहा कि पोस्टमार्टम में इस बात का पता चला है कि प्लास्टिक कचरा खाने से व्हेल को गैस की समस्या हो गई थी, जिसके चलते वह कुछ खा नहीं पा रही थी। यही वजह रही कि वह भूख से मर गई। उन्होंने इसे बहुत ही घृणित और हृदय विदारक बताया।
उन्होंने कहा कि पिछले 10 सालों के दौरान 61 डाल्फिन और व्हेल का पोस्टमार्टम किया गया है, लेकिन इस व्हेल के पेट से सबसे अधिक मात्रा में प्लास्टिक निकला है। क्षेत्रीय मत्स्य ब्यूरो निदेशक फातिमा इदरीस ने बताया, वह काफी कमजोर हो गई थी और अपने आप तैर भी नहीं पा रही थी।