ब्रिटेन में की जा रही छोटी बच्चियों की ब्रेस्ट आयरनिंग, वजह जान कांप उठेगा दिल

Edited By Tanuja,Updated: 27 Jan, 2019 02:44 PM

dozens of girls subjected to breast ironing in uk

छोटी बच्चियों के ब्रेस्ट आयरनिंग की बेहद दर्दनाक व अपमानजनक परंपरा अब ब्रिटेन में भी बढ़ती जा रही है। ब्रेस्ट आयरनिंग में छोटी बच्चियों के ब्रेस्ट पर गर्म पत्थर रखा जाता है...

लंंदन: छोटी बच्चियों के ब्रेस्ट आयरनिंग की बेहद दर्दनाक व अपमानजनक परंपरा अब ब्रिटेन में भी बढ़ती जा रही है। ब्रेस्ट आयरनिंग में छोटी बच्चियों के ब्रेस्ट पर गर्म पत्थर रखा जाता है, ताकि ब्रेस्ट के निर्माण को रोका जा सके। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि लड़कियों को पुरुषों की बुरी नजर, यौन शोषण और दुष्कर्म से बचाया जा सके। यह बात एक रिपोर्ट में कही गई है। गार्डियन की रिपोर्ट के अनुसार लंदन, योर्कशायर, एसेक्स और पश्चिमी मिडलैंड के सामुदायिक कार्यकर्ताओं ने अखबार को ऐसे कई मामलों के बारे में बताया, जिनमें लड़कियों को छोटी उम्र में ही ब्रेस्ट आयरनिंग का सामना करना पड़ता है। गौरतलब है कि ये परंपरा अफ्रीका में लंबे समय से चली आ रही है ।
PunjabKesari
संयुक्त राष्ट्र ने भी वर्णित किया है कि ये परंपरा दुनिया के उन पांच बड़े अपराधों में शामिल हैं, जो अंडर रेटिड क्राइम के तहत आते हैं और लिंग आधारित हिंसा पर आधारित होते हैं। अंडर रेटिड क्राइम का मतलब है, ऐसे अपराध जिनकी पुलिस को सूचना नहीं दी जाती। ऐसा करने वाले मुजरिमों में अधिकतर माताएं होती हैं, जो इसे एक तरह का पारंपरिक उपाय मानती है। जिससे लड़कियों को छेड़छाड़ जैसी घटनाओं से बचाया जा सके। मेडिकल विशेषज्ञ और पीड़ित इस परंपरा को चाइल्ड एब्यूज कहते हैं। जो मानसिक और शारीरिक निशान की छाप छोड़ देता है। इससे इन्फेक्शन के अलावा स्तनपान कराने में असमर्थता, स्तनों में विकृती और कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है। एक सामुदायिक कार्यकर्ता का कहना है कि वह ऐसे 15-20 फीसदी मामलों के बारे में जानती है, जो साउथ लंदन टाउन क्रोयडोन के हैं।
PunjabKesari
उसने बताया कि इसमें माताएं, आंटी या दादी एक पत्थर का इस्तेमाल करती हैं और ब्रेस्ट वाले हिस्से पर लगाती हैं। ऐसा वह कई बार करती हैं ताकि टिशू को तोड़ा जा सके, जिससे ब्रेस्ट की ग्रोथ कम हो जाए। उसने कहा, "कभी-कभी वो इसे हफ्ते में एक बार करती हैं, और कई बार हफ्ते में दो बार भी, यह उनके खुद के निर्णय पर आधारित होता है।" महिला और लड़कियों के लिए काम करने वाली एक संस्था की हेड मारगारेट नयुयदजेविरा का कहना है कि ब्रिटेन में कम से कम 1 हजार लड़कियों और महिलाओं को ये सब झेलना पड़ता है। लेकिन इसपर अभी कोई औपचारिक डाटा सामने नहीं आया है। इस मामले पर ब्रिटेन सरकार का कहना है कि वह इस प्रथा को समाप्त करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। वहीं सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि अब तक इस दिशा बहुत कम काम हुआ है।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!