Edited By Tanuja,Updated: 30 Jun, 2018 05:07 PM
दुनिया की जानी मानी मीडिया कंपनी ने बीबीसी ने अपनी न्यूज़ प्रज़ेंटर कैरी ग्रेसी से पुरुषों के मुक़ाबले कम वेतन मिलने पर माफ़ी मांगी है।
बीबीसी ने ये भी कहा है कि ग्रेसी को उनका पूरा वेतन दिया जाएगा, जो उनका अधिकार है...
बीजिंगः दुनिया की जानी मानी मीडिया कंपनी ने बीबीसी ने अपनी न्यूज़ प्रज़ेंटर कैरी ग्रेसी से पुरुषों के मुक़ाबले कम वेतन मिलने पर माफ़ी मांगी है।
बीबीसी ने ये भी कहा है कि ग्रेसी को उनका पूरा वेतन दिया जाएगा, जो उनका अधिकार है। हालाँकि अभी ये नहीं पता कि बीबीसी से ग्रेसी को कितनी रकम मिलेगी, लेकिन वो पूरी रकम लैंगिक समानता और महिलाओं अधिकारों के लिए काम कर रही संस्था फॉसेट सोसाइटी को दान कर रही हैं।
बीबीसी चीन की संपादक कैरी ग्रेसी ने संस्था में असमान वेतन को मुद्दा बनाते हुए जनवरी में अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया था। कैरी ग्रेसी ने ट्वीट कर मुश्किल समय में उनका साथ देने वालों का शुक्रिया अदा किया। कैरी ग्रेसी ने एक बयान जारी करते कहा कि ये मेरे लिए बहुत बड़ा दिन है। मैं बीबीसी को बहुत पसंद करती हूं। ये 30 से भी अधिक वर्षों तक मेरे परिवार की तरह रहा और मैं इसे और सर्वश्रेष्ठ बनाना चाहती हूं। कई बार परिवार वालों को एक-दूसरे पर चिल्लाने की ज़रूरत महसूस होती है, लकिन जब आप चिल्लाना बंद कर देते हैं तो अच्छा लगता है।''
"महानिदेशक (डायरेक्टर जनरल) ने इस मामले का समाधान निकाला इसके लिए मैं उनकी आभारी हूं। मुझे लगता है कि उन्होंने आज चीन के संपादक के रूप में मेरे काम की वैल्यू को समझा है। बीबीसी ने मुझे पिछले कई सालों का वेतन दिया है लेकिन मेरे लिए पैसों का मामला नहीं, बल्कि सिद्धांतों की लड़ाई थी।इसलिए मैं इस रकम को उन महिलाओं की मदद के लिए दे रही हूं, जिन्हें इसकी मुझसे ज़्यादा ज़रूरत है।"
उनके साथ काम करने वाली ब्रॉडकास्टर क्लेयर बाल्डिंग ने ग्रेसी की प्रशंसा में ट्वीट कर कहा, "उन्हें मिले पिछले वेतन की पूरी रकम दान करने के फ़ैसले से इस बात की पुष्टि होती है जो हम सभी जानते थे कि वो अपने लिए नहीं, बल्कि सबके लिए लड़ाई लड़ रही थी। बीबीसी के डायरेक्टर जनरल टोनी हॉल ने कहा, "मुझे खुशी है कि हम अपने पुराने मतभेदों को ख़त्म कर आगे बढ़ रहे हैं।