Edited By Seema Sharma,Updated: 30 May, 2020 02:51 PM
कोरोना वायरस ने भारत समेत पूरी दुनिया में कोहराम मचाया हुआ है। Covid-19 ने अब तक लाखों लोगों की जान ले ली है। वहीं कोोना वायरस पर नई-नई स्टडी सामने आ रही है कि कैसे यह इंसानों पर अपना असर डालता आदि। अब रिसचर्स ने इस बात का पता लगाया है कि आखिर...
इंटरनेशनल डेस्कः कोरोना वायरस ने भारत समेत पूरी दुनिया में कोहराम मचाया हुआ है। Covid-19 ने अब तक लाखों लोगों की जान ले ली है। वहीं कोोना वायरस पर नई-नई स्टडी सामने आ रही है कि कैसे यह इंसानों पर अपना असर डालता आदि। अब रिसचर्स ने इस बात का पता लगाया है कि आखिर जानवरों से इंसानों तक कोरोना कैसे पहुंचा। रिसर्चर्स ने अपनी स्टडी में बताया कि कोरोना वारयस आकार बदलकर जानवरों से मनुष्यों के शरीर में दाखिल होने और उनको संक्रमित करने में सक्षम है। रिसचर्स ने इस बात की भी पुष्टि की कि इस वायरस का सबसे निकट संबंधी वही कोरोना वायरस है जो चमगादड़ों को संक्रमित करता है।
रिसर्चर्स की टीम में अमेरिका के अल पासो में टेक्सास विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ता भी शामिल हैं। उन्होंने ‘साइंस एडवांसेस’ में प्रकाशित स्टडी में कहा कि सार्स-कोव-2 वायरस की मनुष्यों को संक्रमित करने की क्षमता स्तनधारी प्राणी पैंगोलिन को संक्रमित करने वाले कोरोना वायरस से एक अहम जीन के आदान-प्रदान से जुड़ी है। अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि यह वायरस अपने जेनेटिक गुणों में बदलाव करके मेजबान कोशिकाओं में मौजूद रह सकता है। इसी क्षमता के कारण यह एक प्रजाति से दूसरी प्रजाति में प्रवेश कर सकता है। उन्होंने कहा कि यह उसी प्रकार है, मानो वारयस में ऐसी क्षमता है कि वह चाबी को इस प्रकार ढालने में सक्षम है जो मेजबान कोशिका के द्वार को खोल सके।
अमेरिका के ड्यूक विश्वविद्यालय के फेंग गाओ ने कहा कि सार्स या मर्स की तरह यह कोरोना वायरस भी अपने जेनेटिक गुणों में बदलाव करने में सक्षम है जिसकी मदद से वह मनुष्यों को संक्रमित कर सकता है। गाओ और उनके साथियों के अनुसार इस अध्ययन से वायरस से भविष्य में होने वाली वैश्विक महामारियों को रोकने और उनका टीका खोजने में मदद मिल सकती है।