Edited By Tanuja,Updated: 13 Sep, 2018 11:48 AM
मंगल ग्रह की जानकारी लेने के लिए नासा द्वारा भेजे गए इनसाइड लैंडर को लॉंन्च हुए 6 माह पूरे हो गए हैं। यह 26 नवंबर को मंगल पर पहुंचेगा और लाल ग्रह की जमीन की भीतरी सतह की जांच करेगा...
लॉस एंजिलिसः मंगल ग्रह की जानकारी लेने नासा द्वारा भेजे गए इनसाइड लैंडर को लॉन्च हुए 6 माह पूरे हो गए हैं। यह 26 नवंबर को मंगल पर पहुंचेगा और लाल ग्रह की जमीन की भीतरी सतह की जांच करेगा। इस यान को इनसाइट (इंटीरियर एक्प्लोरेशन यूजिंग साइस्मिक इनवेस्टिगेशन जीयोडसी एंड हीट ट्रांसपोर्ट) का नाम दिया गया है। यदि यह मिशन कामयाब रहता है तो इससे मंगल ग्रह से जुड़े कई सारे रहस्यों से पर्दा उठ सकेगा।
लेकिन समय के साथ-साथ इस ग्रह की अपनी समस्याओं की पहचान भी होने लगी है। अब वैज्ञानिकों ने यहां पर आने वाली समस्याओं की एक लिस्ट तैयार की है, जिसमें शामिल तमाम चीजें मंगल मिशन पर जाने वाले पहले अंतरिक्षयात्रियों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं हैं। दरअसल, नासा मंगल पर मानव भेजने की तैयारी कर रहा है, लेकिन इस सफर में कई खतरे हैं। यह मिशन पूरी तरह से सफल हो, इसलिए अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी हर कदम फूंक-फूंक कर रख रही है। इसी कड़ी में उसने एक ऐसी सूची तैयार की है, जिसमें उन खतरों का जिक्र किया गया है, जो इस सफर में आ सकती हैं।
नासा की प्रयोगशाला और अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (आइएसएस) द्वारा किए गए अध्ययन के आधार पर तैयार की गई इस सूची में पांच बड़ी मुश्किलों को शामिल किया गया है। नासा के मुताबिक, ये पांच मुश्किलें, विकिरण, अलगाव और बंधन, धरती से दूरी, गुरुत्वाकर्षण (लाल ग्रह पर धरती की तुलना में कम है) और बंद वातावरण हैं। नासा के शोधकर्ताओं के मुताबिक, अभी तक एकत्र किया गया डाटा, टेक्नोलॉजी और विधियां ऐसे अभियानों में मदद करती हैं। कई अध्ययनों से पता चला है कि लंबे समय तक अंतरिक्ष में इंसानी शरीर और दिमाग कैसा काम करेगा।