Edited By Isha,Updated: 11 May, 2018 12:06 PM
बचपन एक एेसी अव्सथा है जिसमें हर कोई जाने का सपना देखता है और इस सपनें को सच कर दिखाया है थाईलैंड शहर ने। जी हां थाईलैंड में बुजुर्गों के लिए अहम कदम उठाया गया है । वहां बुजुर्गों को स्कूल भेजा जा रहा है
इंटरनैशनल डेस्कः बचपन एक एेसी अव्सथा है जिसमें हर कोई जाने का सपना देखता है और इस सपनें को सच कर दिखाया है थाईलैंड शहर ने। जी हां थाईलैंड में बुजुर्गों के लिए अहम कदम उठाया गया है । वहां बुजुर्गों को स्कूल भेजा जा रहा है । दरअसल यह तरकीब है लगातार बढ़ रही बुजुर्ग आबादी को घर पर अकेले रहते तनाव में आने से बचाने की।
थाईलैंड की सरकार ने अयुथाया के चियांग राक न्युई में ऐसा एक स्कूल शुरुआती तौर पर खोला है। लेकिन इसमें बुजुर्गों की बढ़ती संख्या और उनके चेहरे पर लौटती मुस्कान ने इस प्रयास को बड़ा बना दिया है। स्कूल में बुजुर्ग बढ़ रहे हैं, यह बिना नागे स्कूल आते हैं और सबसे अहम इन्हें अब कैसा भी तनाव नहीं होता। 63 वर्षीय पूनश्री सेंग्नुआल कहती हैं कि उन्हें स्कूल का इंतजार रहता है। वहां उनके ढेर सारे दोस्त हैं, जिनके साथ वक्त कैसे बीतता है पता ही नहीं चलता।
बच्चे घर से दूर नौकरी कर रहे हैं और बुुजुर्ग घर पर अकेले हैं। ऐसें में इस नए स्कूल से इन्हें अपने ही जैसे कई दोस्त मिल गए हैं। जो इनके बुढ़ापे की लाठी बन गए। एक दूसरे का अकेलापन दूर कर रहे बुजुर्ग अपने इस नए जीवन में बेहद खुश हैं। तनाव बिलकुल नहीं, बचपन की तरह सिर्फ मस्ती से बीतता है इनका दिन।