Edited By ,Updated: 05 Sep, 2016 05:43 PM
भारत जहां पेरिस जलवायु समझौते का अनुमोदन इसी साल करवाने के लिए अमरीका और चीन की आेर से बनाए जा रहे दबाव का विरोध कर ...
हांगझोउ: भारत जहां पेरिस जलवायु समझौते का अनुमोदन इसी साल करवाने के लिए अमरीका और चीन की आेर से बनाए जा रहे दबाव का विरोध कर रहा है, वहीं चीनी आधिकारिक मीडिया ने कहा है कि अब समय आ गया है कि भारत यह दिखा दे कि वह जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को सीमित करने के लिए वाकई गंभीर है। भारत पर दबाव बनाने वाले अमरीका और चीन विश्व भर में होने वाले लगभग 40 प्रतिशत कार्बन उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार हैं ।
सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में छपे एक लेख में आज कहा गया, अमरीका और चीन द्वारा पेरिस जलवायु समझौते का अनुमोदन किए जाने से ‘‘दूसरी उभरती एवं औद्योगिक अर्थव्यवस्थाओं’’ के लिए एक मिसाल कायम हुई है । उन्होंने कहा, ‘‘अब समय आ गया है कि क्रमश: तीसरे और चौथे सबसे बड़े उत्सर्जक यानी यूरोपीय संघ और भारत भी यह दिखा दें कि वे जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को सीमित करने के लिए गंभीर हैं ।’’
जी20 सम्मेलन में जब चीन और अमरीका ने जलवायु परिवर्तन समझौते के अनुमोदन के लिए 2016 को एक समय सीमा के रूप में स्थापित करने की कोशिश की तो भारत ने उनकी आेर से डाले जाने वाले दबाव का विरोध किया । ये दोनों देश खुद इस समझौते का अनुमोदन करके संयुक्त राष्ट्र को सूचित कर चुके हैं ।