Edited By Tanuja,Updated: 22 Sep, 2019 05:39 PM
बिना शादी सेक्स संबंधों को लेकर लाखों लोगों के लिए जेल जाने का खतरा पैदा हो सकता है। इंडोनेशिया देश शादी के इतर सेक्स संबंधों को गैरकानूनी करार देने जा रहा है...
इंटरनेशनल डेस्कः बिना शादी सेक्स संबंधों को लेकर लाखों लोगों के लिए जेल जाने का खतरा पैदा हो सकता है। इंडोनेशिया देश शादी के इतर सेक्स संबंधों को गैरकानूनी करार देने जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इंडोनेशि में विवाहेतर संबंधों को अपराध बनाने वाले कानून को अगले हफ्ते लागू किया जा सकता है। देश के चार सासंदों ने बताया कि बुधवार को सरकार और संसद के बीच आखिरी ड्राफ्ट पर सहमति बन गई। बालिग लोगों के बीच सहमति से बने विवाहेतर संबंधों को भी अब अपराध के तौर पर ट्रीट किया जाएगा। इसकी वजह से बड़ी संख्या में बाली घूमने आने वाले टूरिस्टों पर भी जेल जाने का खतरा होगा।
ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने टूरिस्ट के लिए चेतावनी भी जारी कर दी है। इंडोनेशिया के प्रॉसपेरस जस्टिस पार्टी के नेता नासिर जामिल ने कहा- तमाम धर्मों के नेताओं से बदलाव को लेकर चर्चा की गई है।इंडोनेशिया की आजादी के वक्त से ही यहां ऐसे कानून की मांग होती रही है। राज्य का काम है कि वह नागरिकों को अल्लाह के विचारों के उलट व्यवहार करने से रोके। नए प्रस्तावित कानून के तहत, अगर अविवाहित कपल पति-पत्नी की तरह साथ रहते हैं तो 6 महीने तक की जेल हो सकती है या 50 हजार रुपए का जुर्माना हो सकता है।
पैरेंट्स, बच्चे, पति-पत्नी या फिर गांव का प्रमुख पुलिस को कानून तोड़ने के बारे में सूचना दे सकते हैं। दी इंस्टीट्यूट फॉर क्रिमिनल जस्टिस रिफॉर्म नाम के एनजीओ ने कहा है कि नए कानून से लाखों लोगों को फंसाया जा सकता है। एक स्टडी में सामने आया था कि यहां के 40 फीसदी किशोर शादी से पहले सेक्स करते हैं। नए कानून में कहा गया है कि अगर कोई महिला या पुरुष, अन्य महिला या पुरुष के साथ संबंध बनाए जिनसे उनकी शादी नहीं हुई है तो परिवार के सदस्य की ओर से शिकायत दर्ज कराने पर कार्रवाई होगी।
इंडोनेशिया में होमोसेक्शुअलिटी भी अपराध है। वहीं, टूरिस्टों पर भी नया कानून लागू होगा जिसके तहत, अगर रेप जैसी घटना न हुई हो और मेडिकल इमरजेंसी भी न हो तो अबॉर्शन कराने पर महिला को 4 सालों की जेल की सजा हो सकती है। नए कानून पर सवाल उठने के बाद इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने इस कानून को फिलहाल कुछ दिनों तक सस्पेंड करने का फैसला किया है। अब अगले महीने संसद शुरू होने के बाद ही इस पर विचार किया जाएगा। अब इस मुद्दे पर फिर से डिबेट होगी और वोटिंग भी कराई जाएगी।