Edited By Anil dev,Updated: 02 Jul, 2022 03:25 PM
बिजली संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को अब दोस्त तालिबान ने बड़ा झटका दिया है। पाकिस्तान की शहबाज सरकार बढ़ती महंगाई से बचने के लिए अफगानिस्तान से सस्ता कोयला मंगाना चाहती थी।
इस्लामाबाद: बिजली संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को अब दोस्त तालिबान ने बड़ा झटका दिया है। पाकिस्तान की शहबाज सरकार बढ़ती महंगाई से बचने के लिए अफगानिस्तान से सस्ता कोयला मंगाना चाहती थी। तालिबान को जब पाकिस्तान के इस फैसले की भनक लगी, उसने अफगानी कोयले के दाम में 30 फीसदी की बढ़ौतरी कर दी। तालिबान के इस दाव से पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को अब अपने नागरिकों को महंगी बिजली देने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।पाकिस्तान में इस समय भारी बिजली कटौती चल रही है जिससे जनता परेशान है और कई जगहों पर प्रदर्शन हुए हैं। अफगान मंत्रालय ने कहा कि दुनियाभर में कोयले के दाम बढऩे की वजह से उन्होंने यह दाम बढ़ाया है।
पाकिस्तान में संचार सेवा ठप्प होने का खतरा
पाकिस्तान में प्रमुख शहरों को लगातार पॉवरकट की समस्या से दो चार होना पड़ रहा है। इस वजह से ही अब टैलीकॉम ऑप्रेटरों ने देश में मोबाइल और इंटरनैट सर्विस बंद करने की चेतावनी दी है। इस बीच पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने देश की जनता को चेतावनी दी है कि जुलाई माह में उन्हें लोड शैडिंग का सामना करना पड़ सकता है। पाकिस्तान में 22 हजार मैगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है जबकि जरूरत 26 हजार मैगावाट की है।
ऐसे में पाकिस्तान में 4 हजार मैगावाट बिजली की कमी है। हाल के दिनों में पाकिस्तान में बिजली की कमी बढ़कर 7800 मैगावाट तक पहुंच गई है। तेल के जरिए बिजली पैदा करते हैं पाक के अधिकतर पावर प्लांट पाकिस्तान में बिजली संकट की मुख्य वजह आर्थिक बदहाली है। दरअसल, पाकिस्तान के ज्यादातर पॉवर प्लांटों में तेल के जरिए बिजली पैदा की जाती है। इन पॉवर प्लांटों में इस्तेमाल होने वाले तेल को विदेश से आयात किया जाता है। यूक्रेन युद्ध के बाद दुनिया भर में तेल की कीमत में दोगुने से ज्यादा की बढ़ौतरी हुई है। इस वक्त पाकिस्तानी रुपया 202 रुपए प्रति डॉलर तक पहुंच गया है। ऐसे में सरकार तेल का आयात कम से कम करना चाहती है।