Edited By Pardeep,Updated: 30 Aug, 2018 09:45 PM
संयुक्त राष्ट्र परमाणु निगरानी रिपोर्ट में कहा गया है कि ईरान विश्वशक्तियों के साथ हुए परमाणु समझौते के नियमों का पालन कर रहा है। अंतराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) की वीरवार को सामने आई रिपोर्ट में कहा गया है कि ईरान 2015 के ज्वाइंट...
विएना: संयुक्त राष्ट्र परमाणु निगरानी रिपोर्ट में कहा गया है कि ईरान विश्वशक्तियों के साथ हुए परमाणु समझौते के नियमों का पालन कर रहा है। अंतराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) की वीरवार को सामने आई रिपोर्ट में कहा गया है कि ईरान 2015 के ज्वाइंट कॉम्प्रिहेंसिव प्लान ऑफ एक्शन (जेसीपीओए) के प्रमुख मानकों का अब भी पालन कर रहा है।
यह रिपोर्ट ऐसे वक्त आई है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मई में इस समझौते से बाहर हो गए और उन्होंने ईरान पर दोबारा प्रतिबंध लगा दिया जिसके बाद से इस समझौते का भविष्य अधर में लटक गया है। ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि आईएईए को ईरान में उन सभी स्थलों में जाने दिया गया जहां वह जाना चाहता था।
हालांकि एजेंसी ने इस प्रकार की पहुंच मुहैया कराने के समयबद्ध और सक्रिय सहयोग के महत्व पर जोर दिया। रिपोर्ट में कहा गया है कि कम संवर्धित यूरेनियम और भारी जल के भंडार में कुछ बढ़ोतरी हुई है लेकिन इसकी मात्रा समझौते में निधार्रित मात्रा के भीतर ही है। ट्रंप के फैसले के बाद दोबारा अमेरिकी प्रतिबंध लगने से ईरान की अर्थव्यवस्था पर गहरी चोट पहुंची है।
ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्ला अली खमेयनी ने बुधवार को कहा था कि अगर जेसीपीओए देश के राष्ट्रीय हित में नहीं है तो तेहरान को इसे खारिज करने के लिए तैयार रहना चाहिए। गौरतलब है कि 2015 के समझौते के अनुसार ईरान यूरेनियम को केवल 3.67 फीसदी तक ही संवंॢधत कर सकता है वहीं परमाणु हथियार के लिए अनुमानित 90 प्रतिशत तक संवंॢधत यूरेनियम की आवश्यकता होती है।