Edited By Tanuja,Updated: 18 May, 2020 09:28 AM
इसराईल में लंबे अर्से के बाद आखिर 500 दिनों से चल रहा राजनीतिक संकट समाप्त हो गया और एक साल में 3 बार ...
यरूशलमः इसराईल में लंबे अर्से के बाद आखिर 500 दिनों से चल रहा राजनीतिक संकट समाप्त हो गया और एक साल में 3 बार चुनाव होने के बाद बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को गठबंधन सरकार में प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। कोरोना महासंकट में बनी इस नई सरकार में पूर्व सेना प्रमुख बेनी गांत्ज और नेतन्याहू 18-18 महीने के लिए प्रधानमंत्री रहेंगे। नेतन्याहू पहले 14 मई को शपथ लेने वाले थे लेकिन, उनकी पार्टी के कुछ सांसद मंत्रिमंडल में मिलने वाले मंत्रालयों से संतुष्ट नहीं थे जिस कारण शपथ ग्रहण समारोह टल गया था।
इससे पहले नेतन्याहू ने रविवार को देश की संसद नेसेट में गठबंधन सरकार बनाने का दावा पेश करते हुए अपने संबोधन में कहा, ‘‘हमने गठबंधन सरकार बनाकर देश को चौथे चुनाव से बचाने का फैसला किया है। अगर देश में चौथे चुनाव होते तो काफी पैसा खर्च होता। जनता एक यूनिटी गवर्नमेंट चाहती है और उसे वही मिल रहा है।’’ नई गठबंधन सरकार में बेंजामिन नेतन्याहू की पार्टी से 16 नेताओं को मंत्री पद मिला है। वित्त मंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, शिक्षा मंत्री, ऊर्जा मंत्री और परिवहन मंत्री लिकुड पार्ट के नेता ही बनाए गए हैं। इसके साथ ही 16 और मंत्रालय लिकुड पार्टी को मिले हैं। बेनी गांत्ज की ब्लू एंड व्हाइट पार्टी को गठबंधन सरकार में 15 मंत्रालय मिले हैं।
बेनी गांत्ज उपप्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री बनाए गए हैं। इसके अलावा विदेश, न्याय, संस्कृति जैसे मंत्रालय ब्लू एंड व्हाइट पार्टी को मिले हैं। नेतन्याहू और उनके विपक्षी रहे गांत्ज का कहना है कि कोरोना काल में देश को स्थिर सरकार की जरूरत है, लिहाजा गठबंधन जरूरी है। एक साल में हुए तीन चुनाव में किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिली थी। अब दोनों ने मिलकर सरकार बनाई है। नेतन्याहू ने पांचवीं बार देश की बागडोर संभाली है। हालांकि, उनका यह लगातार चौथा कार्यकाल है।