Edited By Tanuja,Updated: 18 Nov, 2020 05:24 PM
Chinese debt cannot be repaid even by selling grandmother’s jewelery, former of
इंटरनेशनल डेस्कः चीन अपनी सबसे महत्वकांशी परियोजना वन बेल्ट वन रोड की आड़ में कई देशों को ऋण के जाल में फंसा चुका है। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपने इस ड्रीम प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिएजहां पाकिस्तान को कर्ज में दबा रखा है वहीं मालदीव पर भी शिकंजा कसा हुआ है । चीन के कर्ज जाल में फंसे मालदीव के अब इस उधारी को चुकाने में पसीने छूट रहे हैं। हालात यह हैं कि मालदीव की सरकार को अपनी कुल आय का 53 प्रतिशत हिस्सा कर्ज चुकाने में खर्च करना पड़ रहा है।
इसमें से 80 फीसदी पैसा चीन को लौटाना पड़ रहा है। चीनी कर्ज के मकड़जाल में फंसे मालदीव के पूर्व प्रधानमंत्री मोहम्मद नशीद का ट्विटर पर दर्द छलक उठा। नशीद ने कहा कि हम अपनी दादी के गहने बेचकर भी ड्रैगन का यह कर्ज नहीं चुका सकते हैं। वर्तमान समय में मालदीव की संसद के स्पीकर नशीद ने ट्वीट करके कहा, 'हम आज संसद (मजलिस) में वर्ष 2021 के बजट पर चर्चा कर रहे हैं। मालदीव के कर्ज का भुगतान अगले साल सरकार की कुल आय का 53 फीसदी होगा। कर्ज के इस भुगतान में से 80 फीसदी पैसा चीन को जाएगा। यह पूरी तरह से वहन करने योग्य नहीं है।
बता दें कि बेल्ट एंड रोड प्रॉजेक्ट के नाम पर पूरी दुनिया को कर्ज के जाल में फंसा रहा चीन अब अपने मकसद में पूरी तरह से सफल होता दिख रहा है। श्रीलंका के बाद अब भारत का एक और पड़ोसी देश एवं अभिन्न मित्र मालदीव चीन के कर्ज के पहाड़ तले दबता जा रहा है। मालदीव सरकार के मुताबिक देश पर चीन का 3.1 अरब डॉलर का भारी-भरकम कर्ज है। वह भी तब जब मालदीव की पूरी अर्थव्यवस्था करीब 5 अरब डॉलर की है। कोरोना संकट में अब मालदीव को डिफाल्ट होने का डर सता रहा है।