Edited By Tanuja,Updated: 24 Jul, 2018 12:11 PM
पाकिस्तान में गहराए वित्तीय संकट की छाया 52 अरब डॉलर के चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC ) पर भी पड़ रही है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी (NHA) पर वित्तीय संकट की वजह से की कई सड़क परियोजनाओं का काम खटाई में पड़ गया है...
पेशावरः पाकिस्तान में गहराए वित्तीय संकट की छाया 52 अरब डॉलर के चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC ) पर भी पड़ रही है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी (NHA) पर वित्तीय संकट की वजह से की कई सड़क परियोजनाओं का काम खटाई में पड़ गया है। पाकिस्तानी अखबार डॉन के मुताबिक कुछ दिनों पहले पांच अरब रुपए के चेक बाउंस होने के बाद ठेकेदारों ने कई CPEC परियोजना का काम बंद कर दिया है।
प्रभावित परियोजनाओं में CPEC का हक्ला-डेरा इस्माइल खान वेस्टर्न रूट और कराची-लाहौर मोटरवे शामिल हैं। रिपोर्ट के अनुसार, मौजूदा हालात में न सिर्फ CPEC परियोजनाएं बल्कि निर्माण से संबंधित स्थानीय उद्योग, इंजीनियरों व मजदूरों पर भी प्रभाव पड़ा है। सरकार से संपर्क करने पर NHA के प्रवक्ता काशिफ जमान ने कहा कि अथॉरिटी ने कंपनियों को पांच अरब रुपए का चैक 29 जून को जारी किया था। काशिफ जमान का कहना है कि 1.5 अरब रुपए के चैक का भुगतान उसी दिन हो गया और 'बाकी चेक दूसरे दिन जमा किए गए जिनका भुगतान नहीं हो पाया।
उन्होंने कहा कि मामले को सरकार के समक्ष रखा गया है और जल्द ही इसका समाधान हो जाएगा। NHA के प्रवक्ता के अनुसार ज्यादातर परियोजनाओं को दिसम्बर 2018 तक पूरा कर लिया जाएगा । लेकिन जानकारों की मानें तो भुगतान में देरी होने की वजह से CPEC की कई परियोजनाओं के पूरा होने और देर लग सकती है। गौरतलब है कि CPEC चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) की प्रमुख परियोजना में से एक है। यह चीन के शिनजियांग प्रांत को पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह से जोड़ेगी, जिससे चीन की पहुंच अरब सागर तक हो जाएगी. यह परियोजना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से होकर गुजरती है, जिसकी वजह से भारत इसका विरोध करता रहा है।