पाकिस्‍तान के लिए गले की हड्डी बनी ग्रे लिस्‍ट, FATF मापदंडों को पूरा करने का बढ़ा दबाव

Edited By Tanuja,Updated: 02 Mar, 2021 05:05 PM

pakistan again in trouble about fatf gray list

पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर धन शोधन एवं आतंकवादियों के वित्त पोषण पर नजर रखने वाले वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) की 27 बिंदुओं वाली कार्य योजना के तीन बचे हुए मापदंडों को जून की नई

 इस्लामाबादः पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर धन शोधन एवं आतंकवादियों के वित्त पोषण पर नजर रखने वाले वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) की 27 बिंदुओं वाली कार्य योजना के तीन बचे हुए मापदंडों को जून की नई समयसीमा समाप्त होने से पहले पूरा करने के लिए एक और विधेयक की आवश्यकता होगी। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार FATF ने पाकिस्तान को जून 2018 में ग्रे सूची में डाल दिया था और उससे 2019 के अंत तक धनधोशन एवं आतंकवादियों को वित्त पोषण रोकने के लिए कार्य योजना लागू करने को कहा था, लेकिन कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण इस समय सीमा को बढ़ा दिया गया था।

 

FATF ने पिछले महीने नई समय सीमा तय की थी। पाकिस्तान धनशोधन एवं आतंकवाद को वित्त पोषण रोधी FATF के नियमों का पालन नहीं करने वाले देशों की सूची में डाले जाने से बचने के लिए हालिया कुछ महीनों से काफी कोशिश कर रहा है। यदि पाकिस्तान को इस सूची में डाल दिया जाता है, तो पहले ही कमजोर उसकी अर्थव्यवस्था को और नुकसान होने की आशंका है। ‘डॉन' समाचार पत्र ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि पाकिस्तान सरकार को बची हुई चिंताओं से निपटने के लिए विधेयक बनाने और अन्य कदमों में प्रगति को लेकर FATF को एक महीने के भीतर अद्यतन रिपोर्ट भेजनी होगी।

 

रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार ने FATF की अनिवार्यताओं को पूरा करने के लिए पिछले एक साल से अधिक समय में करीब तीन दर्जन कानूनों में बदलाव किया है, ऐसे में अतिरिक्त विधेयक लाने में कोई दिक्कत नहीं आनी चाहिए। पाकिस्तान के वित्त मंत्री अब्दुल हफीज शेख ने धनशोधन रोधी राष्ट्रीय कार्यकारी समिति (NEC) की बैठक की अध्यक्षता करते हुए  FATF  समन्वय समिति के अध्यक्ष और उद्योग एवं उत्पादन मंत्री हम्माद अजहर और वित्तीय निगरानी इकाई (एमएमयू) से संघीय सरकार की एजेंसियों एवं सशस्त्र बलों के साथ विचार-विमर्श करके अतिरिक्त विधेयक के लिए तत्काल समय सीमा तय करने को कहा।

 

रिपोर्ट में बताया गया है कि पाकिस्तान को तीन शेष बिंदुओं पर काम करना हैं। उसे यह दिखाना होगा कि प्रतिबंधित व्यक्तियों एवं संगठनों के लिए काम करने वाले लोगों एवं संगठनों को निशाना बनाकर आतंकवाद के वित्तपोषण संबंधी जांच की गईं और अभियोग चलाए गए। इसके अलावा पाकिस्तान को यह दिखाना होगा कि इन अभियोगों के कारण प्रभावशाली और पर्याप्त प्रतिबंध लगाए गए। पाकिस्तान को यह भी दिखाना होगा कि उसने सभी प्रतिबंधित आतंवादियों के खिलाफ वित्तीय प्रतिबंधों का प्रभावशाली क्रियान्वयन किया। सूत्रों ने बताया कि बैठक में बताया गया कि तीन में से एक बिंदू पर काफी काम कर लिया गया है, लेकिन जिन दो बिंदुओं को दिखाने के लिए अतिरिक्त विधेयक की आवश्यकता है, उन क्षेत्रों में लक्ष्य हासिल करने में समय लगेगा। 

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