Edited By Isha,Updated: 23 May, 2018 05:55 PM
पाकिस्तान ने आज शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की एक बैठक में कहा कि आतंकवाद को किसी धर्म , किसी देश या नागरिकता से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। इसने साथ ही कहा कि वह इस बुराई को उखाड़ फेंकने के लिए क्षेत्रीय देशों के साथ काम करने को तैयार है
इस्लामाबादः पाकिस्तान ने आज शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की एक बैठक में कहा कि आतंकवाद को किसी धर्म , किसी देश या नागरिकता से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। इसने साथ ही कहा कि वह इस बुराई को उखाड़ फेंकने के लिए क्षेत्रीय देशों के साथ काम करने को तैयार है। बैठक में भारत भी भाग ले रहा है।
पाकिस्तान की विदेश सचिव तहमीना जंजुआ ने यहां शंघाई सहयोग संगठन-क्षेत्रीय आतंकवाद रोधी अवसंरचना के कानूनी विशेषज्ञ समूह की बैठक का उद्घाटन करते हुए यह टिप्पणी की। एससीओ के आठ सदस्य देशों-चीन, कजाकिस्तान, भारत, किरगिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान और पाकिस्तान से विशेषज्ञ इस बैठक में शामिल हो रहे हैं।
बैठक में भारत की मौजूदगी काफी अहमियत रखती है क्योंकि उसने पाकिस्तान से सीमा पार आतंकवाद का हवाला देते हुए यहां 2016 में दक्षेस शिखर सम्मेलन का बहिष्कार कर दिया था। जंजुआ ने कहा कि पाकिस्तान क्षेत्र तथा इससे परे आतंकवाद, अलगाववाद और चरमंपथ के खतरों से वाकिफ है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने अपने हजारों नागरिकों तथा सुरक्षार्किमयों को खो दिया और अनेक घायल हो गए। उसे 120 अरब डॉलर से अधिक का आॢथक नुकसान भी झेलना पड़ा।