पाक के प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में सैंसरशिप का विरोध

Edited By Tanuja,Updated: 15 Apr, 2018 05:13 PM

pakistan must stop demonising pashtuns

पाकिस्तान में प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में चल रहे सैंसरशिप का विरोध किया जा रहा है।  इसका विरोध करने वाले  वकील बाबर सत्तार  ने कहा कि पाकिस्तान को पश्तून को नजरअंदाज करना बंद करना चाहिए...

इस्लामाबादः पाकिस्तान में प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में चल रहे सैंसरशिप का विरोध किया जा रहा है।  इसका विरोध करने वाले  वकील बाबर सत्तार  ने कहा कि पाकिस्तान को पश्तून को नजरअंदाज करना बंद करना चाहिए। 

पाकिस्तान के समाचार पत्रों और अन्य प्रकाशनों के लिए लेख लिखने वाले इस्लामाबाद के रहने वाले सत्तार ने ट्वीट कर कहा कि पाकिस्तान में निजी और नि: शुल्क प्रैस के खिलाफ चल रहे सैंसरशिप के कारण वह इस हफ्ते अपने नियमित शनिवार कॉलम को प्रकाशित नहीं कर पा रहे हैं।वह जियो टीवी और द जंग समूह को बंद करने के बारे में भी आलोचनात्मक थे। उन्होंने कहा कि द न्यूज इंटरनेशनल के लिए उनका नया साप्ताहिक कॉलम  मंजूर अहमद पश्तीन (26) के ऊपर था, जो पीटीएम (पश्तून ताहुफुज आंदोलन) के प्रमुख के रूप में उभरा है। 

उन्होंने ट्वीट में लिखा, 'मीडिया ने पीटीएम का उल्लेख करने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। जीओ और जंग ने संवेदनशील विषयों को नहीं छूने का आदेश दिया है। इस वजह से शनिवार को उनका कॉलम प्रकाशित नहीं हो सका। उन्होंने अभी तक प्रकाशित नहीं हुए अपने लेख में पश्तून और पीटीएम नेताओं का जिक्र किया है। सत्तार ने पश्तून और पीटीएम के नेताओं को असाधारण युवा नेता बताया। उन्होंने लिखा, ये युवा नेता अपनी उम्र और अनुभव से दूषित नहीं है। ये नागरिकों के प्रति राज्य की जिम्मेदारी के मूलभूत प्रश्न उठा रहे हैं।  

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