पाकिस्तान में सिखों को करारा झटका!

Edited By ,Updated: 19 Mar, 2017 11:50 AM

pakistan sikh community disappointed at being left out of national census

पाकिस्तान में 19 साल बाद शुरू हुई राष्ट्रीय जनगणना में सिखों को शामिल नहीं किया गया है। पेशावर में सिख कम्युनिटी के लीडर्स और मेंबर्स ने शनिवार को सरकार...

पेशावर: पाकिस्तान में 19 साल बाद शुरू हुई राष्ट्रीय जनगणना में सिखों को शामिल नहीं किया गया है। पेशावर में सिख कम्युनिटी के लीडर्स और मेंबर्स ने शनिवार को सरकार के इस फैसले पर निराशा जताते हुए कहा कि 19 साल बाद देश में हो रही जनगणना में शामिल न किया जाना उनके प्रतिनिधित्व को नकारना है।


सिख कम्युनिटी के चेयरमैन रादेश सिंह टोनी ने पाकिस्तानी अखबार डॉन से कहा,"संबंधित विभाग ने सिख अल्पसंख्यकों को जनगणना में शामिल नहीं किया है। यह न सिर्फ दुर्भाग्यपूर्ण है, बल्कि हमारी कम्युनिटी के लिए चिंता का विषय है।" उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में बड़ी संख्या में सिख रह रहे हैं, लेकिन इस कम्युनिटी को जनगणना फॉर्म की रिलीजियस कैटेगरी में शामिल न करके सिखों की गिनती 'अदर' रिलीजन कैटेगरी में की जाएगी, जो कि सिख जनसंख्या की वास्तविक तस्वीर प्रस्तुत नहीं होगी। उन्होंने कहा, 'यह अन्याय है। हमें हमारे अधिकारों से वंचित किया जा रहा है।"


पाकिस्तान में हैं करीब 20,000 सिख
बता दें कि पाकिस्तान में 20,000 सिख रह रहे हैं। टोनी ने पाकिस्तान के चीफ जस्टिस और सिंध हाईकोर्ट को चिट्ठी लिखकर उन्हें 'अन्य' धर्मों में न गिने जाने की अपील की है। उनका कहना है कि जनगणना फॉर्म 2007 में छपे थे और 120 मेंबर्स की टेक्निकल कमेटी की सिफारिश पर इसमें सिर्फ 5 धर्म शामिल किए गए हैं। उन्होंने कहा कि 2007 में सिख जनसंख्या कम थी, लेकिन अब यह काफी बढ़ चुकी है।

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